Tuesday, July 1, 2025

ओपीनियन

वे पांच किताबें, जो आरएसएस की विचारधारा ( हिंदूवादी) के महल को पूरी तरह ध्वस्त कर सकती हैं

आरएसएस की विचारधारा को पूरी तरह ध्वस्त किए बिना समता, स्वतंत्रता और भाईचारे पर आधारित भारत को न बचाया ( जिनता भी है, जैसा भी है) जा सकता है और न बनाया जा सकता है। आरएसएस की विचारधारा हिंदू धर्म- दर्शन ( वेद, पुराण,...

जयंती विशेषः ज्योतिबा राव फुले और गुलामगिरी

 1 जून, 1873 को ज्योतिराव फुले (11अप्रैल 1827 – 28 नवम्बर 1890) की रचना ‘गुलामगिरी’ का प्रकाशन हुआ था। यह किताब मराठी में लिखी गयी। इसकी प्रस्तावना फुले ने अंग्रेजी में और भूमिका मराठी में लिखी है। इस किताब को लिखने का मूल उद्देश्य...

विदेशी धरती पर अंबेडकर जयंती की धूम, भारतीय मीडिया में चुप्पी

खबर चलाने वाले खबर खा ले रहे हैं और डकार भी नहीं ले रहे। भारतीय मीडिया टीवी में दिनभर बैठ कर यह बात करता है कि अमेरिका जैसा एक दिन भारत होगा। लेकिन वही मीडिया, भारत के सबसे बड़े राष्ट्रनिर्माता के गौरव को छिपा...

अब हार्वर्ड युनिवर्सिटी में जातिवाद बैन, अंबेडकरवादियों की बड़ी जीत

अमेरिका के सिएटल शहर में जाति आधारित भेदभाव बैन होने के बाद अब दूसरी खबर हार्वर्ड युनिवर्सिटी से आई है। अमेरिका के बोस्टन में स्थित दुनिया की शानदार युनिवर्सिटी में से एक हार्वर्ड युनिवर्सिटी ने भी अपने नॉन डिस्क्रीमिनेशन पॉलिसी में जाति को भी...

स्मृति दिवस विशेषः महाराष्ट्र में पुनर्जागरण की अगुवाई करने वाली महानायिका हैं सावित्रीबाई फुले

 आधुनिक भारतीय पुनर्जागरण के दो केंद्र रहे हैं- बंगाल और महाराष्ट्र। बंगाली पुनर्जागरण मूलत: हिंदू धर्म, सामाजिक व्यवस्था और परंपराओं के भीतर सुधार चाहता था और इसके अगुवा उच्च जातियों और उच्च वर्गों के लोग थे। इसके विपरीत महाराष्ट्र के पुनर्जागरण ने हिंदू धर्म,...

” हिंदी दलित नाटक और रंगमंच “

हिंदी दलित साहित्य की अवधारणा में नाटक या रंगमंच को देखे तो भारतीय समाज में जातियों के परस्पर टकराव झेलती जातियों का संघर्ष नजर आता है। यहाँ दर्द भी है और अधिकार की माँग भी। इसी चाह, आंदोलन और वैमनस्य तथा आक्रोश के गर्भ...

डाइवर्सिटी एजेंडा लागू करवाने के लिए: क्यों नहीं आगे आ सकते बहुजनवादी दल!

आज भारत में आर्थिक और सामाजिक विषमता जिस तरह शिखर पर पहुंची है;जिस तरह नीचे की प्रायः 50% आबादी महज 3% नेशनल वेल्थ पर गुजर-बसर करने के लिए विवश है;जिस तरह भारत नाइजीरिया को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के ‘पॉवर्टी कैपिटल’ अर्थात ‘गरीबी की...

जातिवाद के दो बड़े मामले से दलित समाज में हलचल

IIT बॉम्बे के 18 साल के छात्र दर्शन सोलंकी ने हॉस्टल की सांतवी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। बी.टेक का छात्र दर्शन सोलंकी अहमदाबाद का रहने वाला था। उसने तीन महीने पहले ही इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लिया था। 11 फरवरी को ही उसके...

भारत के अब तक के इतिहास के सबसे आदर्श और खूबसूरत जीवनसाथी फुले दंपति हैं

फुले दंपति ने अपने जीवन के आधार पर यह आदर्श स्थापित किया कि पति-पत्नी का संबंध कैसे होना चाहिए। दोनों ने हर स्तर पर बराबरी का जीवन जिया। उस रूढ़िवादी दमनकारी परम्परा में सही और स्वतंत्र सोच वाले इस दंपति-युगल ने इस अवधारणा को तोड़...

महाराष्ट्र के वैचारिक परंपरा में राजर्षि  शाहू महाराज का योगदान 

महाराष्ट्र का इतिहास प्राचीन है। अनेक घरानों  की  सत्ता   महाराष्ट्र   पर  थी, जिनमें से सर्व  प्रथम  'मौर्य' घरानों की  सत्ता  थी । इसके  पश्चात सातवाहन,वाकाटक ,चालुक्य , राष्ट्रकूट , यादव,तुघलक,आदिलशाही,निजामशाही,वरिदशाही,  कुतुबशाही,  इमामशाही   आदि   प्रमुख घरानों की सत्ता आयी। इनमें  से कई  शासन में आम...

भगवत गीता के बारे में डॉ अंबेडकर क्या कहते हैं?

(मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी आईपीएस (से. नि.) भगवत गीता के बारे में डॉ. अम्बेडकर क्या कहते हैं? वह विशेष रूप से गीता के बारे में अपनी पुस्तक 'प्राचीन भारत में क्रांति और प्रति-क्रांति' के एक अधूरे अध्याय में बात करते हैं (भाग III का अध्याय 9, जिसे आप...

क्यों बख्शें तुलसी को?

वर्ष 1992 में मैंने अपने सुलतानपुर (उत्तर प्रदेश) प्रवास में एक कविता लिखी थी, ‘तब तुम्हारी निष्ठा क्या होती?’ उसे मैंने ‘नवभारत टाइम्स’ को भेजा। उन दिनों वहां विष्णु खरे संपादक थे। उन्होंने उसे ‘नवभारत टाइम्स’ के 31 मार्च, 1992 के रविवारीय अंक में प्रकाशित किया। उसे पढ़कर गिरीशचंद्र श्रीवास्तव और शिवमूर्ति जी मुझसे मिलने...

डॉ. आंबेडकर की भारतीय गणतंत्र की परिकल्पना

26 जनवरी आधुनिक भारतीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में एक है। इसी दिन 26 जनवरी 1950 को भारत को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया था और भारतीय संविधान को पूरी तरह लागू किया गया था। हालांकि 26 नवंबर 1949 को ही भारतीय संविधान...

ऑक्सफैम की ताजा रिपोर्ट ने भारतीय अरबपतियों को किया बेनकाब

अगर दुनिया के अमीरों पर 5 फीसदी टैक्स लगा दिया जाए तो एक साल में करीब 1.7 ट्रिलियन डॉलर इकट्ठे किए जा सकते हैं, जो कि दुनिया के करीब 2 अरब लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाल सकते हैं। यह दिलचस्प आंकड़ा ऑक्सफैम...

शरद यादव: जिनका होना अभी जरूरी था

 शरद यादव (1 जुलाई 1947 - 12 जनवरी 2023) नहीं रहे। उनका आकस्मिक निधन बहुत दुखद और स्तब्धकारी है। अपनी लंबी अस्वस्थता से उबरकर वह धीरे-धीरे स्वस्थ और सक्रिय हो रहे थे। पिछले साल, मार्च में उन्होंने अपने दल-लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का राष्ट्रीय...

शिक्षा मंत्री के बयान पर हंगाामा, रामचरित मानस के दोहे और मनुस्मृति के जहर पर क्यों नहीं?

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर निशाने पर हैं। वजह यह है कि उन्होंने रामचरित मानस और मनुस्मृति को नफरत फैलाने वाला और वंचितों से उनका हक छिनने वाला कह दिया। इसके बाद कोई उनकी चीभ काटने की बात कह रहा है तो कोई कह...

सूर्य कुमार यादव बनाम सचिन तेंदुलकर

भारत और श्रीलंका के बीच 7 जनवरी, 2023 को खेेले टी-20 सीरीज के तीसरे और आखिरी मैच में जब सूर्य कुमार यादव ने 360 डिग्री घूम कर छक्का लगाया तो अचानक मुझे हिन्दी के एक मशहूर 'क्रिकेट-प्रेमी' संपादक की याद आयी. वह जीवित होते...

फीफा और जी 20

जी 20 की अध्यक्षता करने की बारी इस बार भारत को मिली है। 20 देशों के इस समूह में भारत भी एक है लेकिन डंका ऐसा पीटा जा रहा कि न तो भूतकाल में कभी ऐसा हुआ और न ही कभी भविष्य में होने...

करीब 7 हजार मजदूरों की कब्रों पर हो रहा है, फीफा वर्ल्ड कप का जश्न

फुटबाल विश्व कप का जश्न अपने शबाब पर है, ऐसे में यह विश्व कप भारत, नेपाल, बाग्लादेश और पाकिस्तान के जिन 7 हजार मजदूरों की कब्रों पर हो रहा है, उसकी चर्चा करना रंगे-पुते चेहरे के पीछे के घिनौने चेहरे को उघाड़ कर रख...

सवर्ण आरक्षण पर आए फैसले के पीछे है वर्ग संघर्ष में क्रियाशील सोच!

 सवर्ण आरक्षण पर हिंदू जजों के अन्यायपूर्ण फैसले से ढेरों बहुजन बुद्धिजीवी आहत व विस्मित हैं,पर मैं नहीं! यही नहीं सदियों से आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षिक, धार्मिक इत्यादि, विविध क्षेत्रों में हिंदुओं अर्थात् सवर्णों ने शुद्रातिशुद्रो और महिलाओं के खिलाफ एक से बढ़कर एक अन्याय...
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कुर्सी नहीं, जाति हटाइए

कभी-कभी एक तस्वीर, सौ भाषणों से ज्यादा कह जाती है। आंध्र प्रदेश की श्री वेंकटेश्वर वेटरनरी यूनिवर्सिटी में जमीन पर बैठे डॉ. रवि वर्मा...

राजनीति

मुजफ्फरपुर की दलित बेटी के परिवार से मिले तेजस्वी यादव, परिवार ने बताई पूरी कहानी

(तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा) मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में बलात्कार के बाद गरीब दलित परिवार की 9 वर्षीय बच्ची की अस्पताल में बेड...
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