नेहरू की जगह सरदार पटेल पी.एम. होते तो देश के हालात कुछ और होते। ये सवाल नेहरू या कांग्रेस से नाराज हर नेता या राजनीतिक दल खासकर संघी/ जनसंघी/ भाजपायी हमेशा उठाते रहे हैं। समय समय पर समाचार पत्र और पत्रिकाओं में भी इसकी...
बढ़ती आर्थिक असमानता अर्थशास्त्र में विकास के सकारात्मक सूचक के रूप में मानी जाती है। परंतु यह सिद्धान्त केवल पश्चिमी देशों में लागू होता है। भारत जैसे सोपानिक, जातीय रूप से विखण्डित समाज में आय और संसाधनों का असमान वितरण जातीय रूप धारण कर...
भारतीय पुनर्जागरण के पुरोधा राजा राममोहन राय, देवेन्द्र नाथ टैगोर, विवेकानंद और दयानंद सरस्वती नहीं, बल्कि जोतिराव फुले, शाहू जी, पेरियार, सावित्रीबाई फुले, ताराबाई शिंदे और पंडिता रमाबाई हैं। भारतीय पुनर्जागरण का केंद्र बंगाल नहीं, महाराष्ट्र है। इस पुनर्जागरण की नींव जोतीराव फुले ने...
हम आपको अपना मानते हैं, तब भी जब आप हमारे ग्रंथों को अपना नहीं मानते। फिर भी हम हिन्दू वो लोग हैं, जो आपको स्वीकार करते हैं और गले लगाकर चलते हैं। वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान संसद में बौद्ध धर्म पर...
आज एक अप्रैल है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का स्थापना दिवस। वह रिजर्व बैंक जिसकी स्थापना में बाबासाहेब डॉ. आंबडेकर की अहम भूमिका थी। जी हां, बाबासाहेब आंबेडकर ने न सिर्फ भारतीय संविधान को बनाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि रिजर्व बैंक की स्थापना...
नई सदी में हाशिये के समाज में जन्मे किसी लेखक के आकस्मिक तौर पर निधन से बहुसंख्य वंचित वर्गों के बुद्धिजीवी और एक्टिविस्टों को 6 मार्च, 2025 जैसा आघात कब लगा था, मुझे याद नहीं! उस दिन सुबह अपार प्रतिभा और अतुलनीय मेधा के...
जगन मोहन रेड्डी का भव्य महल, जिसे एक पूरे पहाड़ को समतल कर बनाया गया, राजनीतिक विलासिता और सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग का एक स्पष्ट उदाहरण है। 61 एकड़ में फैला यह आधुनिक किला सात आलीशान इमारतों से बना है, जिसमें ऐसी भव्य सुविधाएँ...
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने छह मार्चा को मुंबई के धारावी में चमार स्टूडियो के सुधीर राजभर से मुलाकात की है। इस मुलाकात पर राहुल गांधी ने लिखा-
चमार स्टूडियो के संस्थापक सुधीर राजभर लाखों दलित युवाओं की कहानी...
महाबोधि मुक्ति आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप्पी साधे रखना उन लोगों की दोहरी मानसिकता को उजागर करता है, जो केवल अवसरवादिता के आधार पर बौद्ध धर्म का नाम लेते हैं। नरेंद्र मोदी, जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को बुद्ध की भूमि कहकर गौरव...
दलित समाज के प्रखर बुद्धिजीवि और बिहार कैडर में 1973 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. ए. के. बिस्वास का 28 फरवरी को निधन हो गया। डॉ. बिस्वास लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने कोलकाता में अपनी अंतिम सांस ली। उनके जीवन की कहानी संघर्ष...