राजनीतिक हाशिए पर खड़े शरद यादव अब उठाएंगे दलितों की आवाज

बिहार। नीतीश कुमार से अलगाव और राज्यसभा सदस्यता जाने के बाद राजनीतिक हाशिए पर पहुंचे शरद यादव ने अब नया रास्ता चुना है. देश में चल रही दलित राजनीति के उभार के बीच शरद यादव भी अब दलितों की बात करेंगे. इसके लिए उन्होंने बिहार को चुना है. शरद यादव ने 31जनवरी को बक्सर के नंदनगांव जाने का निर्णय लिया है. यहां से वे दलित समाज के उत्पीड़न  की घटना को लेकर सूबे की नीतीश-भाजपा सरकार पर हमला बोलेंगे.

दलित समाज की ओर से यहां नंदनगांव में दलित स्वाभिमान सम्मेलन का 31 जनवरी को आयोजन रखा गया है. शरद यादव इस आयोजन मेंशामिल होंगे. दलित उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए यादव के साथ जयंत चौधरी भी इस आयोजन में शिरकत करेंगे. दलित स्वाभिमान सम्मेलन की जानकारी देते हुए पूर्व जदयू नेता अली अनवर ने बताया कि पुलिस-प्रशासन की दमनकारी नीति की वजह से नंदनगांव के लोगों का जीवन बेहाल है.

स्थानीय पुलिस-प्रशासन के गलत रवैये से न सिर्फ गांव के निर्दोष दलित जेल में हैं बल्कि कई अब भी भागे फिर रहे हैं. इस गांव के लोगों में पूरी तरह से दहशत का माहौल है. बेकसूर लोगों को परेशान किया जा रहा है. पुलिस रात-बेरात दबिश देकर गांववालों को परेशान कर रही है.

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