नई दिल्ली। मायावती-अखिलेश की जोड़ी ने बीजेपी की नींद उड़ा रखी है. एक के बाद एक चौकानें वाले फैसलें लेने लगे हैं. यूपी में बसपा व सपा का गठबंधन का रास्ता साफ दिख रहा है लेकिन चुनाव से पहले ही दोनों पार्टी के सुप्रीमो मिल-जुल कर आगे बढ़ रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि अपनी पार्टी तक के फैसलों पर दोनों एक-दुसरे से राय-मसौदा कर रहे हैं. इससे साफ दिख रहा है मायावती-अखिलेश मिलकर बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सीट-शेयरिंग फॉर्मूला निकालने की जुगत में लगे इन दलों ने एक बड़ा फैसला किया है. सीट-शेयरिंग फॉर्मूला के आधार पर दोनों ही पार्टी किसी भी दल बदलु को अपनी पार्टी में जगह नहीं देगी. यानी कि सपा, अपनी पार्टी में दल बदलने वाले किसी बसपा नेता को शामिल नहीं करेगी और इसी तरह बसपा भी सपा के किसी नेता को शामिल नहीं करेगी. हालांकि इस तरह की कोई लिखित सहमति नहीं बनी है लेकिन इस बात पर दोनों पक्षों की तरफ से अनौपचारिक सहमति जरूर बन गई है. अब इससे एक बात तो साफ हो गई कि दोनों दल के नाखुश नेता दल छोड़ने से पहले लाख बार सोचेंगे.
हालांकि अभी महागठबंधन की कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन दोनों ही दल द्वारा फूंक-फूंक कर कदम रखना व साथ काम करना बहुत कुछ बता रहा है. कर्नाटक में विपक्ष का एकजुट होना व यूपी उप चुनाव में मिलकर भाजपा को हराने के बाद महागठबंधन चर्चा में बना हुआ है. साथ ही अखिलेश द्वारा मायावती के लिए सीटों को त्यागने के बयान के बाद इस फैसले ने बीजेपी की बैचेनी बढ़ा दी है.
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