अनिल के हौसलों को नहीं रोक पाई गरीबी, 20 देशों के धावकों को पछाड़ जीता गोल्ड मेडल

यमुनानगर। जिनके हौसला बुलंद होता है उनकी उड़ानों को गरीबी की बाधा नहीं रोक पाती है. ऐसा ही एक कारनामा हरियाणा के अनिल ने कर दिखाया है. अनिल ने मॉरीशस में इतिहास रचते हुए 42 किलोमीटर की मैराथन दौड़ में जीतकर गोल्ड मेडल हासिल किया है. इस जीत के साथ ही उसने अगस्त में होने वाले वर्ल्ड मैराथन चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है.

मॉरीशस में हुई मैराथन में 20 से अधिक देशों के धावकों ने हिस्सा लिया था. अनिल ने सबको पछाड़ते हुए गोल्ड मेडल जीता. अनिल ने 42 किलोमीटर की यह मैराथन 2 घंटे 20 में पूरी की.

गरीबी के कारण पिछले वर्ष 2016 में आयोजित ओलंपिक के लिए पौलेंड में होने वाली प्रतियोगिता के लिए भाग नहीं ले सका था. लेकिन इस बार रोटरी क्लब व अन्य एनजीओ के माध्यम से उसे कुछ आर्थिक मदद मिली और उसने वर्ल्ड मैराथन चैम्पियनशिप से पूर्व मॉरीशस में हुई मैराथन दौड़ में भाग लेते हुए गोल्ड मैडल हासिल कर क्वालीफाई किया.

अनिल की इस जीत से पूरे देश का नाम रोशन हुआ है. अनिल व उसकी सहायता करने वाले रोटरी क्लब के सुमित छाबड़ा व जिला बाल कल्याण अधिकारी राजेन्द्र बहल को भी बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

मॉरीशस से फोन पर की बातचीत में अनिल ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 20 से भी अधिक देशों के धावकों ने भाग लिया. उसने सभी धावकों को पछाड़ते हुए 2 घंटे 20 मिनट में 42 किलोमीटर की यह मैराथन दौड़ पूरी की. अब उसका लक्ष्य अगस्त माह में लंदन में आयोजित वर्ल्ड मैराथन चैंपियनशिप जीतकर भारत का नाम रोशन करना है. उसने फोन पर बताया कि यदि संभव हुआ तो अब वह लंदन से वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने के बाद ही वापस लौटेगा.

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