ओमिक्रॉन से चाहते हैं बचाव? तो सुन लिजिए एक्सपर्ट्स की राय….

नई दिल्ली- कोरोना वायरस पिछले दो साल से काल बनकर पूरी दुनिया पर छाया हुआ है। इन दो सालों में ये कई प्रचंड रूपों में हमारे सामने आया है। इसमें अब तक डेल्टा वैरिएंट सबसे ज्यादा भयानक रहा है। लेकिन अब एक नया वैरिएंट सामने आया है जिसे पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन के नाम से जाना जा रहा है।

हालांकि इसे लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है कि ये किस तरह दुनिया को प्रभावित करने वाला है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये डेल्टा से 5 से 7 गुना ज्यादा प्रभावित करेगा।

भारत में अब तक ओमिक्रॉन के कुल 64 केस दर्ज किए गए हैं और इसमें सबसे पहला केस केरल से आया था, जहां ये प्रचंड रुप अपनाए हुए है। इसके अलावा दिल्ली और महाराष्ट्र में इसके अब तक 8-8 मामले सामने आ चुके हैं। इसी तरह ओमिक्रॉन ने देश के कुल 8 राज्यों में अपनी घुसपैठ कर ली है। अब बात करें इसकी गंभीरता, ट्रांसमिशन रेट और लक्षणों की, जिसको लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं।

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन का दावा है कि नया ओमिक्रॉन वैरिएंट पहले संक्रमित हो चुके लोगों को भी आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है। इसके अलावा, वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोग भी ओमिक्रॉन के खिलाफ सुरक्षित नहीं हैं।

आपको बता दें ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के रीसर्चर्स की भी तरफ से ये बात सामने आई है कि ये उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जिन्होंने वेक्सीन की दोनों डोज ले ली है। लेकिन इसके साथ ही एक राहत की बात यह है कि आमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन की बूस्टर डोज प्रभावी साबित हो रही है इसलिए तीसरा डोज भी लगवाएं।

वहीं बात करें बायोएनटेक और फाईजर की तो, बीते हफ्ते कंपनी की तरफ से बयान सामने आया जिसमें कहा गया है कि उनके वैक्सीन की तीन डोज नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से लड़ने में कामयाब साबित हो रही है।

हालांकि मॉडर्ना की तरफ से अभी तक कोई डेटा सामने नहीं आया है और जॉनसन एंड जॉनसन ने भी इस मामले में किसी भी तरह का कमेन्ट करने से इन्कार कर दिया है।

इसके लक्षण की बात करें तो एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों को रात में पसीना आने की शिकायत हो सकती है। कई बार मरीज को इतना ज्यादा पसीना आता है कि उसके कपड़े या बिस्तर तक गीले हो सकते हैं, संक्रमित को ठंडी जगह में रहने पर भी पसीना आ सकता है। इसके अलावा मरीज को शरीर में दर्द की शिकायत भी हो सकती है।

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