नई दिल्ली। अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कर्मचारियों के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी है. एससी व एसटी कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण देने की इजाजत दे दी है. एएनआई की खबर के अनुसार मंगलवार को कोर्ट ने कहा कि वर्तमान कानून के हिसाब से यह व्यवस्था इस मामले में संवैधानिक बेंच का अंतिम फैसला आने तक लागू रह सकती है.
पांच साल बाद…
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के कर्मचारियों के लंबे प्रतिक्षा के बाद जीत मिली है. सुप्रीम कोर्ट एससी-एसटी कर्मचारियों को पांच साल बाद भी प्रमोशन में आरक्षण देने संबंधी केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए मंजूरी दी है.
बता दें कि 1992 में बहुचर्चित इंदिरा साहनी मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार 1997 तक प्रमोशन में पांच साल तक आरक्षण देने की व्यवस्था लागू थी. तब अगस्त 1997 में केंद्र ने नई अधिसूचना लाकर प्रमोशन में आरक्षण को पूरे सेवाकाल तक बढ़ा दिया. लेकिन इस फैसले को एनजीओ ऑल इंडिया इक्वालिटी फोरम और अन्य लोगों ने दिल्ली हाई कोर्ट में उठाया और चुनौती दे दी थी. इस पर सुनवाई करने के बाद 23 अगस्त 2017 को हाई कोर्ट ने अगस्त 1997 में जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया था. दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने नवंबर 2017 में इस मामले को अपनी संवैधानिक बेंच को सौंप दिया था. फिलहाल इस फैसले आधार पर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कर्मचारियों को आरक्षण के आधार पर प्रमोशन मिलेगा.
इसे भी पढ़ें-विश्व पर्यावरण दिवसः बिहार के तीन लाल, धरती को बचाने में लूटा रहे जवानी
![](https://www.dalitdastak.com/wp-content/uploads/2020/12/PLATE.jpg)