नई दिल्ली। रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति होंगे. गुरुवार को हुई मतगणना के बाद उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया है. कोविंद 65.65 प्रतिशत वोटों से जीत गए हैं. यह जीत देश के साथ उत्तर प्रदेश के लिए भी बहुत अहम है. राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत पहले ही सुनिश्चित कर चुके थे. अब वो 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.
अब तक 14 में से 9 प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर प्रदेश ने आज देश को राष्ट्रपति भी दे दिया. अभी तक उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री तो कई बने पर राष्ट्रपति बनाने का सौभाग्य प्रदेश को हासिल नहीं हुआ था. बिहार को यह गौरव देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद दे चुके हैं. यूपीए प्रत्याशी मीरा कुमार यदि जीतती, तो वह बिहार से बनने वाली दूसरी राष्ट्रपति होतीं, साथ ही देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति भी होतीं.
जातीय समीकरण के हिसाब से भी यह राष्ट्रपति चुनाव बहुत अहम था. दलित वर्ग से आने वाले केआर नारायणन पहले राष्ट्रपति थे. उनके बाद यह दूसरी बार था, जब एक साथ दो दलित नेता राष्ट्रपति चुनाव में आने सामने थे.
देश में सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से बड़े बदलाव का सपना देख रही भाजपा के लिए कोविंद की जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि अब तक उनकी पार्टी का कोई नेता देश के सर्वोच्च पद पर नहीं बैठा था.पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद के लिए चुना था और वो जीते भी थे, लेकिन वह भाजपा या एनडीए में कभी किसी पद पर नहीं रहे थे.
एक सामान्य दलित परिवार के बेटे की देश के प्रथम नागरिक तक का उनका सफर बेहद प्रेरणास्पद है. कानपुर देहात के परौंखा गांव के रहनें वाले कोविंद को चुनाव से पहले ही 63 प्रतिशत वोटों का समर्थन प्राप्त हो चुका था. जिससे उनकी जीत लगभग तय थी. चुनाव परिणाम के बाद होने वाले जश्न और शपथ ग्रहण समारोह के लिए उनके परिजन गांव से दिल्ली पहुंच गए हैं. नए राष्ट्रपति 25 जुलाई से अपना पदभार ग्रहण कर लेंगे.

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