नई दिल्ली। भाजपा सांसद सावित्रीबाई फुले ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा से दो-दो हाथ करने को तैयार फुले ने कहा है कि उनका इस्तीफा भाजपा के ताबूत में आखिरी कील होगा. उन्होंने इसी महीने में एक बड़ी जनसभा कर एक और धमाका करने की बात कही है.
फुले उत्तर प्रदेश के बहराइच लोकसभा सीट से सांसद हैं. 6 दिसंबर को बाबासाहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्होंने भाजपा छोड़ने की घोषणा की. पिछले काफी वक्त से यह माना जा रहा था कि वह भाजपा छोड़ सकती हैं, बावजूद इसके उनके द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप से भाजपा तिलमिला गई है.
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को भेजे अपने इस्तीफे में सावित्रीबाई फुले ने भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया. उनका आरोप है कि दलित होने के कारण पार्टी के भीतर अपनी आवाज को अनसुना किया गया. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने भाजपा को दलित, पिछड़ा और मुस्लिम विरोधी कहा और पार्टी पर आरक्षण ख़त्म करने की साज़िश रचने का आरोप लगाया. इस्तीफे के बाद अपनी भविष्य की रणनीति पर सावित्रीबाई फुले ने का कहना है कि वह 16 दिसंबर को एक रैली कर अपनी अगली रणनीति का खुलासा करेंगी.
बहरहाल उत्तर प्रदेश में पहले से ही मुसीबत में दिख रही भाजपा को सावित्रीबाई फुले के इस्तीफे से एक और झटका लगा है. फुले जिस तरह से अपनी संस्था नमो बुद्धाय जनसेवा समिति के बैनर तले उत्तर प्रदेश में लगातार सक्रिय हैं, वह भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती हैं.
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