कर्नाटक के नाटक पर भाजपा पर बरसीं मायावती

कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर भाजपा द्वारा किए जा रहे जोड़-तोड़ पर बसपा प्रमुख मायावती ने हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में जो हो रहा है वह सब बीजेपी व आर.एस.एस द्वारा बाबासाहेब के बनाए संविधान को कमजोर करने व खत्म करने की साजिश है.

बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस- जे.डी.एस व बी.एस.पी के विधायकों की संख्या पूर्ण बहुमत की संख्या थी, लेकिन बहुमत से दूर होते हुए भी येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवा दी गई. यह निंदनीय है. इससे साफ हो जाता है कि भाजपा और आर.एसएस न तो अपने देश के संविधान में और न ही इसमें निहित लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास रखता है. यह देशहित में शुभ संकेत नहीं है.

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्यपालों की भूमिका पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि माननीय राज्यपालों द्वारा ज्यादार मामलों में केन्द्र सरकार के राजनीतिक स्वार्थ के हिसाब से ही फैसले लिए जाते रहने से राजभवनों की गरिमा खत्म हो रही है. यह देश के लोकतन्त्र के लिए भी खतरनाक हो रहा है. इसका शिकार उत्तर प्रदेश में कई बार बसपा भी हुई है.

इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय से अपील करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि वर्तमान हालात में अब हमारी पार्टी माननीय सुप्रीम कोर्ट से ही यह विशेष आग्रह करती है कि वह अपने देश के संविधान को व इसमें निहित लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने में अहम भूमिका निभाए.

मायावती ने 17 मई को जारी बयान में यह बातें कहीं. इसके बाद दूसरे दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को 19 मई की शाम 4 बजे फ्लोर टेस्ट करने को कहा है. इधर दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएसपी प्रमुख मायावती के बयान का समर्थन किया है. ममता बनर्जी ने ट्विट कर कहा है कि, ‘मैं मायावती जी के विचारों का समर्थन करती हूं. हमें अपने संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब अंबेडकर को पूर्ण सम्मान देना चाहिए.’

Read Also-येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट ने नीतिगत फैसले लेने से रोका
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट ने नीतिगत फैसले लेने से रोका

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को नीतिगत फैसले लेने से रोक दिया है. शुक्रवार को कांग्रेस-जेडीएस की सुनवाई के बाद बीजेपी को झटका लगा है. सीएम शपथ ग्रहण करते ही येदियुरप्पा ने वरिष्ठ आईएस व आईपीएस अधकियारियों का तबादला करा दिया था. साथ ही किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ करने का ऐलान भी किया था.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमर कुमार पांडेय को एडीजीपी, खुफिया नियुक्त किया गया. भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो में पुलिस अधीक्षक एस गिरीश को बेंगलुरू उत्तर- पूर्व डिविजन का डीसीपी बनाया गया. अधिकारियों के तबादले पर कांग्रेस ने असुरक्षा की बात उठाई थी.

आईएस व आईपीएस अधिकारियों के तबादले पर कांग्रेस व जेडीएस की ओर से आपत्ति जताई गई थीं. साथ ही कहा था कि अभी तक बहुमत साबित नहीं हो पाया है और ना ही मंत्री मंडल का गठन हुआ, ऐसे में येदियुरप्पा का नीतिगत फैसला लेना कितना सही है. इन तमाम प्रकार की बातों को सुनने के बाद भी येदियुरप्पा रूके नहीं तो सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर कह दिया कि वे नीतिगत फैसले नहीं लेंगे. बता दें कि कल 19 मई को फ्लोर टेस्ट के बाद कर्नाटक में नई सरकार बनाने का फैसला हो जाएगा.

Read Also-‘येदियुरप्पा एक दिन के सीएम रहेंगे’, कांग्रेस में खुशी की लहर!
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

‘येदियुरप्पा एक दिन के सीएम रहेंगे’, कांग्रेस में खुशी की लहर!

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद कांग्रेस में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. कांग्रेस व जेडीएस कार्यकर्ताओं के चेहरे पर मुस्काल देखने को मिल रही है. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, लोकतंत्र की जीत हुई है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

शुक्रवार को करीब 10.30 बजे से सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया. इस फैसले के अनुसार कल शाम 04 बजे कांग्रेस-जेडीएस को फ्लोर टेस्ट देना होगा. इस फैसले से कांग्रेस का उत्साह चौगुना हो गया है. इनकी खुशी व सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देख लग रहा है कि कर्नाटक में बड़ा बदलाव आने वाला है.

एक दिन के सीएम येदियुरप्पा…

जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा कि संविधान की जीत, लोकतंत्र बरकरार और बीएस येदियुरप्पा एक दिन के सीएम रहेंगे. संविधान ने एक अवैधानिक मुख्यमंत्री को नकार दिया है. साथ ही कर्नाटक के राज्यपाल के असंवैधानिक फैसले को भी नकारा है.

जबकि वहीं बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बीजेपी बहुमत साबित करेगी और हमें विश्‍वास विधानसभा में फ्लोर टेस्‍ट करेंगे पास. इसके अलावा येदियुरप्पा का दावा है कि वे बहुमत साबित कर सीएम बने रहेंगे.

Read Also-कर्नाटक में कल कांग्रेस-जेडीएस फ्लोर टेस्ट, पलट सकती है बीजेपी की बाजी
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

कर्नाटक में कल कांग्रेस-जेडीएस फ्लोर टेस्ट, पलट सकती है बीजेपी की बाजी

नई दिल्ली। कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर पिछले तीन दिनों से चल रहा ड्रामा कल खत्म हो सकता है. येदियुरप्पा द्वारा सीएम पद की शपथ के बाद कांग्रेस-जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें कांग्रेस को राहत की सांस मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा में कल शाम 4 बजे फ्लोर टेस्ट कराए जाने के आदेश पर मुहर लगा दी है. प्रोटेम स्पीकर आरवी देशपांडे पूरे टेस्ट पर नज़र रखेंगे. कल फ्लोर टेस्ट के बाद कर्नाटक में सरकार बनाने का रास्ता लगभग साफ हो जाएगा. साथ ही कांग्रेस व जेडीएस ने अपने विधायकों के सुरक्षा की गुहार लगाई है.

शुक्रवार को प्राप्त ताजा जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस और जेडीएस कल फ्लोर टेस्ट कराए जाने के लिए तैयार है. लेकिन दोनों पार्टियों ने अपने विधायकों की सुरक्षा की मांग की है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस-जेडीएस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दोनों पार्टियों की तरफ से कल ही फ्लोर टेस्ट करवाने की बात पर सहमत हुए तब फैसले पर मुहर लगी.

कल कांग्रेस-जेडीएस फ्लोर टेस्ट में पास हो जाती है तो बीजेपी को झटका लग सकता है. हालांकि येदियुरप्पा बार-बार कह रहे हैं कि उनके पास विधायक है और वे बहुमत साबित करेंगे. लेकिन फ्लोर टेस्ट के कारण बीजेपी पर संकट मंडराता दिख रहा है. कांग्रेस व जेडीएस विधायकों को धमकी मिल रही है जिसको लेकर विधायक डरे हुए हैं. हालांकि कांग्रेस व जेडीएस अपने विधायकों को सुरक्षित स्थान पर रखी है. खबर लिखने तक सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई जारी थी.

Read Also-कांग्रेस विधायकों के चार्टर्ड प्लेन को उड़ान भरने से रोका, मिल रही धमकी
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

कांग्रेस विधायकों के चार्टर्ड प्लेन को उड़ान भरने से रोका, मिल रही धमकी

नई दिल्ली। कर्नाटक में सरकारी एजेंसियों द्वारा धमकी मिलने व चार्टर्ड प्लेन को उड़ान भरने से रोकने पर बवाल मचा है. विधायकों के गायब होने से डरी कांग्रेस दुसरे सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए चार्टर्ड प्लेन से ले जाना चाहती थी लेकिन डीजीसीए ने इसे रोक दिया जिससे कि बस के सहारे विधायकों को शिफ्ट किया गया.

शुक्रवार की सुबह सूत्रों द्वारा प्राप्ता जानकारी के अनुसार विधायकों को टूट से बचाने के लिए कांग्रेस व जेडीएस अपने विधायकों को बेंगलुरु से हैदराबाद ले गई है. हालांकि इससे पहले कांग्रेस अपने विधायकों को कोच्चि (केरल) ले जाने की तैयारी में थी. तीन चार्टर्ड प्लेन से विधायकों को कोच्चि ले जाने की प्लानिंग की गई थी लेकिन DGCA की अनुमित नहीं मिलने के कारण प्लान रद्द करना पड़ा.

सरकारी एजेंसी से मिली धमकी

इतना ही नहीं हैदराबाद के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने सरकारी एजेंसियों पर आरोप धमकी देने का आरोप लगाया है. सीएम शपथ ग्रहण करने के बाद ही बीजेपी की ओर से कई बड़े पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया था. इसको लेकर भी कांग्रेस-जेडीएस ने आवाज उठाई थी. फिलहाल कांग्रेस अपने विधायकों को हर कीमत पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयारी में जुटी है.

Read Also-कांग्रेस का एक और विधायक गायब, बाकि को रिसॉर्ट में छिपाया!
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

कांग्रेस का एक और विधायक गायब, बाकि को रिसॉर्ट में छिपाया!

बेंगलुरू। कांग्रेस का एक और विधायक गायब हो गया है. कांग्रेस की ओर से संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा. इस तरह से कांग्रेस के तीन विधायकों के गायब होने की खबर सामने आ चुकी है. एक कर गायब होते विधायक कांग्रेस-जेडीएस की नींद उड़ा दिए हैं. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस विधायक रमेश जरीखोली विधान सभा में धरने पर बैठे थे वहीं से गायब हो गए. कहा जा रहा है कि वह वापस उस रेसॉर्ट में नहीं लौटे जहां बाकी कांग्रेस विधायकों को रखा गया है.

एयरपोर्ट पर आखिरी बार दिखे

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस विधायक धरना पर बैठे थे. इसी बीच एक विधायक धीरे से खिसक गया. बाद में नजर पड़ी और खोजने लगे तो पता नहीं चल पाया. लेकिन इससे पहले बुधवार को गायब दो विधायकों को एयरपोर्ट पर देखा गया था.

दो विधायक गायब

इससे पहले भी कांग्रेस के दो विधायक गायब हो चुके हैं. विधायक का नाम आनंद सिंह है, जो विजयनगर से विधायक हैं. दूसरे विधायक प्रतापगौडा हैं, जो मसली विधानसभा सीट से चुने गए हैं.  हालांकि विधायकों के गायब होने पर कई प्रकार की बातें कहीं जा रही है. हालांकि इसको लेकर  कांग्रेस नेता ने कहा था कि हमारे विधायक सुरक्षित हमारे पास हैं. अफवाह फैलाई जा रही है.

Read Also-कर्नाटक राज्यपाल का बीजेपी कनेक्शन कितना सच?
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

प. बंगाल पंचायत चुनाव में ममता राज, मोदी मंत्र बेअसर!

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के आगे सब फेल हैं. पंचायत चुनाव में अबतक के परिणामों से बीजेपी के साथ अन्य दलों का सुपड़ा साफ है. एक तरफ देश भर में मोदी लहर की बात कही जा रही है तो वहीं पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव से पता चलता है कि मोदी लहर गांव तक पहुंच नहीं पाई है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती गुरूवार सुबह 8 बजे आरंभ हो गई. अब तक के नतीजों में टीएमसी काफी आगे चल रही है. इतनी आगे की दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा है. जिला परिषद व पंचायत समिति की सीटों पर केवल टीएमसी ही बनी हुई है तो वहीं ग्राम पंचायत में बाकि दलों को छिटपुट सीट मिलते दिखे.

अबतक के आंकड़ें

मीडिया में जारी रिपोर्ट के अनुसार ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का प्रदर्शन सबसे बेहतर दिख रहा है. सूत्रों के अनुसार टीएमसी ने जिला परिषद की 280 व पंचायत समिति की 149 सीटों पर अकेले कब्जा जमाए रखा है यहां पर बीजेपी व बाकि दलों के हिस्से में कुछ नहीं मिला. इसके अलावा ग्राम पंचायत में टीएमसी को 1575, बीजेपी 136, एलएफ 10, कांग्रेस 08 व अन्य को 28 सीट मिली है. ध्यान दें कि फाइनल रिपोर्ट में बदलाव हो सकती है.

चुनाव में 13 की मौत

हालांकि मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने के बाद भी व्यापक तौर पर हिंसा की घटना घटी जिसमें कि राज्य के कई इलाकों में हिंसक घटनाएं 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 56 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. हिंसा के बाद राज्य के 20 जिलों में से 19 जिलों के 568 बूथों पर बुधवार को दोबारा मतदान कराया गया.

केंद्र ने मांगी पूरी रिपोर्ट

पंचायत चुनाव में हुई हिंसा की केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी थी. हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार ने रिपोर्ट सौंपी लेकिन गृह मंत्रालय ने उसे अधूरा बताते हुए पूरी रिपोर्ट मांगी है. इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

इन जगहों पर पुनर्मतदान

आयोग की जानकारी के अनुसार लगभग 70 फीसद मतदान दर्ज किया गया. इसके अलावा हिंसा व धांधली के कारण हुगली में 10, पश्चिम मिदनापुर में 28, कूचबिहार में 52, मुर्शिदाबाद में 63, नदिया में 60, उत्तरी 24 परगना में 59, मालदा में 55, उत्तर दिनाजपुर में 73 और दक्षिण 24 परगना में 26 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराया गया था.

Read Also-कर्नाटकः भाजपा ने बसपा विधायक से समर्थन मांगा, विधायक ने दिया करारा जवाब
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

सुप्रीम कोर्ट करेगी समलैंगिकता पर सुनवाई

प्रतिकात्मक फोटोः साभार-गूगल इमेज

नई दिल्ली। समलैंकिता मसले को  लेकर वैज्ञानिकों व छात्रों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गई है. गुरुवार को मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस मामले पर कोई फैसला लेगी. समलैंगिकता को अपराध मुक्त करने पर विचार किया जाएगा.

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में आईआईटी से जुड़े बीसे से अधिक स्टूडेंट्स व वैज्ञानिकों द्वारा आईपीसी की धारा 377 को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. इनका कहना है कि समलैंगिकता अपराध नहीं है इसलिए इसे अपराध की श्रेणी से बाहर निकलाने पर कोर्ट को विचार करना चाहिए. कोर्ट समलैंगिकता को अपराध मानने के फैसले को रद्द करने पर सुनवाई करेगा.

याचिका दायर करने वालों का कहना है कि समलैंगिकता कोई अपराध नहीं है. हम किसी के जीवन की आजादी नहीं छिन सकते हैं. हमें जीवन साथी चुनने के लिए पूरी आजादी होनी चाहिए. हालांकि समलैंगिकता को लेकर भारत में कई तरह के विवाद हैं.

Read Also-सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस को झटका
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

दुल्हन को साइकिल पर लेकर निकले तेजप्रताप, वायरल

PC- hindustantimes

पटना। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे को कृष्ण रूप और शंख व बांसुरी बजाते तो देखा था लेकिन अभी उनका एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वह अपनी नई नवेली दुल्हन को साइकिल पर लेकर जाते दिख रहे हैं.

जिय हो बिहार के लाला…

ये साइकिल वाली फोटो किसी और ने नहीं बल्कि उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव ने जैसे ही इंस्टाग्राम पर पोस्ट की लोगों की लाइक व कमेंट आनी शुरू हो गई. बिहारी अंदाज बयां में फैंस ने जिय हो, क्या बात है, शानदार-जबरजस्त, मस्त-झक्कास, जिय हो बिहार के लाला… लिखकर प्यार जाहिर किया.

बता दें कि लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव व ऐश्वर्या राय ने 12 मई को पटना में शादी की. इस शादी में आने के लिए लालू प्रसाद यादव को तीन दिनों के लिए जेल से बाहर निकाला गया था. ऐश्वर्या बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की बेटी हैं. राजनीतिक परिवार की शादी पूरे धूम-धाम के साथ 12 मई को पटना में हुई. हालांकि भगदड़ मच जाने से थोड़ी किरकिरी हुई. इस दौरान राबड़ी देवी, मिसा भारती समेत कई हस्तियों ने बॉलीवुड और भोजपुरी गानों पर डांस किया. फोटो को फेसबुक व ट्विटर पर भी जमकर शेयर किया जा रहा है.

Read Also-तेजस्वी का तंजः भाजपाई चोर दरवाज़े से चाट रहे मलाई…
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

कर्नाटकः भाजपा ने बसपा विधायक से समर्थन मांगा, विधायक ने दिया करारा जवाब

कर्नाटक का नाटक तीसरे दिन भी लगातार जारी है. भाजपा नेता येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दे दिया है. ऐसे में 104 सीटों वाली भाजपा बहुमत के लिए जरूरी 9 सीटों का जुगाड़ करने में जुटी हुई है. इसके लिए भाजपा कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों पर डोरे डाल रही है. कांग्रेस और जेडीएस का आरोप है कि उसके विधायकों को पैसों से लेकर पद तक का लालच दिया जा रहा है. समर्थन के लिए भाजपा नेताओं ने बसपा के एकमात्र विधायक एन. महेश से भी संपर्क किया. तब बसपा विधायक ने ऐसा जवाब दिया, जिसे सुनकर भाजपा के पदाधिकारी चलते बनें.

एन. महेश के मुताबिक कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा पदाधिकारियों ने उनसे संपर्क किया. महेश का कहना है कि उन्हें भाजपा की सरकार को समर्थन देने के लिए कहा गया. पहले तो महेश ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब उनसे लगातार संपर्क किया जाने लगा तो महेश ने भाजपा नेताओं को समर्थन के लिए बसपा प्रमुख मायावती से संपर्क करने को कह दिया. इतना सुनते ही भाजपा के पदाधिकारी चुपचाप निकल लिए.

दरअसल भाजपा के पदाधिकारियों के लिए मायावती से बात करने के बारे में सोचना भी आसान नहीं था. फिलहाल भाजपा के लिए जो मुश्किल खड़ी हुई है, वह मायावती के कारण ही है. मायावती ने त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और जेडीएस सुप्रीमों एच. डी देवगौड़ा से साथ आने का सुझाव दिया था. इसके बाद तुरंत कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन की घोषणा की. इसी के बाद कर्नाटक का राजनीतिक परिदृश्य अचानक से बदल गया. जो भाजपा आराम से सदन में बहुमत के लिए जरूरी सीटें जीतने का दावा कर रही थी, वो मायावती के मायाजाल में उलझ गई है.

मायावती के दखल के बाद मतगणना पूरा होने के पहले ही कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद कर्नाटक का सियासी पारा चढ़ गया. राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए न्यौता दिया. कांग्रेस और जेडीएस इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और गुरुवार  रात को ही इस मामले में सुनवाई हुई.

भाजपा नेताओं द्वारा संपर्क किए जाने पर महेश का कहना है कि मैं पूरी मजबूती के साथ जद (एस) के साथ हूं. महेश चामराजनगर जिले के कोल्लेगल विधानसभा से निर्वाचित हुए हैं.

Read Also-बीजेपी को रोकने कर्नाटक में उतरे ‘राम’
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

कर्नाटक राज्यपाल का बीजेपी कनेक्शन कितना सच?

नई दिल्ली। कर्नाटक में राज्यपाल का बीजेपी के साथ दोस्ती निभाने की बात सोशल मीडिया पर शोक मचा रही थी. कुल मिलाकर लोगों का कहना था वो बीजेपी का साथ देंगे. और आखिरकार ऐसा ही हुआ…

कर्नाटक राज्यपाल वजु भाई के साथ बीजेपी को जोड़कर कई तरह की बातें सामने आई है. इन बातों से साफ हो जाता है कि वजु भाई का आरएसएस व बीजेपी के साथ बरसो पुराना रिश्ता है. कर्नाटक में सरकार बनाने का फैसला राज्यपाल के हाथों था और गवर्नर ने भाजपा को पहले मौका देकर कयास लगा रहे लोगों की बातों को सही साबिक कर दिया.

क्या कहते हैं जानकार

बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वजु भाई संघ के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं, उनके पूरे करियर में कई उदाहरण ऐसे हैं जहां उन्होंने पार्टी के हितों को तरजीह दी है. ये अच्छी बात है कि वे राज्यपाल हैं, संवैधानिक पद पर हैं, लेकिन वो करेंगे वही जो भारतीय जनता पार्टी चाहेगी. इस बार तो सबसे बड़ी पार्टी को बुलाने की परंपरा का हवाला भी साथ में है.

इतना ही नहीं इससे पहले 2002 में वजुभाई ने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए राजकोट विधानसभा की अपनी सीट छोड़ी थी. फलस्वरूप 2014 में मोदी जी ने ही उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया.

गौर करने वाली बातें

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व कानून विशेषज्ञ राम जेठमलानी ने वजू भाई के फैसले को बेवकूफी भरा बताया और असंवैधानिक करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की है.

बुधवार की शाम को कांग्रेस-जेडीएस की अगुवाई कर रहे कुमारस्वामी ने 117 विधायकों की समर्थन सूची राज्यपाल को सौंप दी थी. तो जानकारों का मानना है कि सरकार बनाने का पहला निमंत्रण कांग्रेस-जेडीएस को मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

Read Also-बीजेपी को रोकने कर्नाटक में उतरे ‘राम’
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

बीजेपी को रोकने कर्नाटक में उतरे ‘राम’

PC-zeenews
नई दिल्ली। कर्नाटक गवर्नर के फैसले के बाद बीजेपी के सीएम उम्मीदवार येद्दियुरप्पा ने शपथ ग्रहण किया. इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता व कानून विशेषज्ञ राम जेठमलानी ने राज्यपाल के फैसले को बेवकूफी भरा बताया. साथ ही कहा कि ऐसे कैसे राज्यपाल ने फैसला ले लिया. एएनआई से बात करते हुए जेठमलानी ने राज्यपाल के फैसले को “संवैधानिक शक्ति का घोर दुरुपयोग” बताया. साथ ही कहा,
“बीजेपी ने गवर्नर से ऐसा क्या कहा कि उन्होंने यह बेवकूफी भरा फैसला ले लिया? गवर्नर का यह फैसला भ्रष्टाचार को खुलेतौर पर बुलावा देना है.”

दायर कर दी याचिका

इतना ही नहीं राम जेठमलानी ने सुप्रमी कोर्ट में याचिका दायर कर दी है. इससे बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई जेठमलानी की याचिका पर विचार किया और कहा कि आज मामले की सुनवाई करने वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ शुक्रवार को इस पर सुनवाई करेगी. बता दें कि बीजेपी को बहुमत हासिल करने के लिए पंद्रह दिनों का समय राज्यपाल की ओर से मिला है. इन 15 दिनों के अंदर बीजेपी को विश्वास मत हासिल करना होगा. इसके लिए बीजेपी के पास पर्याप्त समय है लेकिन दुसरी ओर कांग्रेस-जेडीएस असुरक्षा के डर से अपने विधायकों को छुपाने में लगी है. जेठमलानी का सामने आना और याचिका दायर करना नई मुसीबत खड़ा कर दिया है. Read also-जज, गवर्नर…सब पीएम से डरे हुए हैंः राहुल गांधी
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

कर्नाटक में बसपा विधायक एन. महेश की पूरी हिस्ट्री

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती की अगुआई वाली बहुजन समाज पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक सीट जीतकर दक्षिण भारत में फिर से अपनी दस्तक दे दी है. बसपा के प्रत्याशी एन. महेश ने चामराजनगर जिले के कोल्लेगल विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल कर दक्षिण में बसपा का परचम बुलंद किया है. बसपा उम्मीदवार ने कांग्रेस उम्मीदवार ए.आर. कृष्णमूर्ति को 19,454 मतों के अंतर से पराजित किया. इस सीट पर बसपा को 71792 वोट मिले. भाजपा इस सीट पर तीसरे नंबर की पार्टी रही. महेश कर्नाटक में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं.

इससे पहले राज्‍य में आखिरी बार बसपा 1994 में जीती थी जब उसने बीदर सीट पर कब्‍जा किया था. बसपा के लिए वर्तमान चुनाव में जीती गई कोल्‍लेगल की सीट इस लिहाज से भी अहम है कि यहां पर 1 मई को पीएम नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार करने आए थे, लेकिन महेश की मेहनत के आगे मोदी का प्रचार भी काम नहीं आया, और महेश ने इस सीट को जीतकर दक्षिण में बसपा को बड़ी संजीवनी दे दी.

कोल्लेगल क्षेत्र में महेश की मेहनत और लोकप्रियता को देखते हुए स्थानीय लोग भी यह मान रहे थे कि महेश यह सीट आराम से जीत लेंगे. यह बात भाजपा को भी यह पता था. यही वजह है कि भाजपा ने महेश को लुभाने की भी कोशिश की. उन्हें हर तरह से ऑफर देकर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने को कहा गया. महेश खुद बताते हैं, “बीजेपी हमें लुभाने की कोशिश कर रही थी क्‍योंकि उन्‍हें पता था कि हम चमराजनगर की यह सीट जीत जाएंगे और पुराने मैसूर में जेडीएस की मदद कर उनकी सीट को नुकसान पहुंचाएंगे.”

लेकिन पक्के अम्बेडकरवादी महेश ने पैतरा नहीं बदला बल्कि और मजबूती से चुनाव की तैयारियों में जुट गए. यह महेश के ऊपर अम्बेडकरवादी विचारधारा का प्रभाव रहा कि महेश ने लगातार संघर्ष किया लेकिन पार्टी का दामन नहीं छोड़ा. यह भी नहीं है कि महेश पहली बार में ही चुनाव जीत गए, बल्कि वह सालों तक लगे रहे. महेश कहते हैं-“मैंने 2004 में चौथे नंबर के प्रत्‍याशी की तरह शुरुआत की थी, 2009 में तीसरे नंबर पर रहा, 2013 में दूसरे और अब आखिरकार मैं जीत गया. यह एक लड़ाई है जो हम दलितों ने बसपा के लिए इस राज्‍य में लड़ी है. हम खुश हैं कि बहनजी और देवेगौड़ा जी ने मिलकर दो समुदायों को बसपा-सपा की तरह जोड़ा.”

दूसरी ओर कर्नाटक में चल रहे नाटक के बीच 7 सीटों की जोड़-तोड़ में लगी भाजपा ने बसपा विधायक महेश से भी संपर्क किया. इनलोगों ने महेश से भी भाजपा के लिए समर्थन मांगा. इस पर महेश ने यह कहते हुए भाजपा नेताओं का मुंह बंद करवा दिया कि हमारी नेता मायावती जी से संपर्क करो.

महेश अम्बेडकरी-फुले विचारधारा के पक्के आदमी हैं. चाहे वाल्मीकि जयंती हो, अम्बेडकर जयंती या फिर अन्य बहुजन संतों-महापुरुषों की जयंती, महेश सोशल मीडिया के जरिए शुभकामना देना नहीं भूलते. महेश के फेसबुक के कवर पेज पर चस्पा तथागत बुद्ध की तस्वीर महेश के व्यक्तित्व के एक और पहलू को उजागर करता है. फिलहाल महेश कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बनने की स्थिति में मंत्रीपद की आस लगाए बैठे हैं. महेश की जीत दक्षिण भारत में बसपा और अम्बेडकरवाद दोनों के लिए बड़ी खबर है.

Read Also-मायावती के एक फोन ने कर्नाटक में बिगाड़ा भाजपा का खेल
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

डरी कांग्रेस-जेडीएस, विधायकों को छुपाने के लिए ढूंढ रही जगह

PC- hindustantimes

नई दिल्ली। भले ही येदियुरप्पा ने कर्नाटक मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है लेकिन बीजेपी ने बहुमत साबित नहीं किया है. ऐसे में बीजेपी की ओर से कोई भी कदम उठाया जा सकता है. इस डर को भांपकर कांग्रेस-जेडीएस अपने विधायकों को छुपाने के लिए जगह तलाश कर रही है. कांग्रेस-जेडीएस असुरक्षा को लेकर सवाल कर रही है. इनको डर सता रहा है कि कहीं इनके विधायक गायब ना हो जाएं.

गुरूवार को सूत्रों के हवाले मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस-जेडीएस अपने विधायकों को किसी हाल में खोना नहीं चाहती. दोनों पार्टियां अपने विधायकों को  ईगलटन रिज़ॉर्ट में रखी थी लेकिन इनको यहां पर असुरक्षा महसूस हो रही है. हालांकि इसको लेकर कई जगहों पर दोनों पार्टियां नजर दौड़ा रही है.

यहां पर मिल सकता है शरण

कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा के बनते हीं कांग्रेस और जेडीएस को अपने विधायकों को वहां से हटानें की सोंच रही है. खबर है कि दोनों पार्टियां अपने विधायकों को ईगलटन रिज़ॉर्ट में रखी थीं लेकिन अब उनको किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है.

दो मुख्यमंत्री कांग्रेस-जेडीएस के साथ

इस बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जेडीएस के विधायकों को विशाखापट्टनम, जबकि तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने उन्हें हैदराबाद में शरण देने का ऑफर दिया है. वहीं कांग्रेस अपने विधायकों को केरल शिफ्ट करने की तैयारी कर रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि वहां की लेफ्ट सरकार ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया है. ऐसे में देखना है कि विधायकों को कहां शरण मिलता है.

Read Also-सीएम बनते हीं येदियुरप्पा का बिग एक्शन
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस को झटका

नई दिल्ली। कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. लाख प्रयासों के बाद कर्नाटक में सरकार बनाने से चूकने बाद कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से भी निराशा हाथ लगी है. राज्यपाल के फैसले को रोकने के लिए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट बुधवार रात में खुला लेकिन कांग्रेस को निराशा हाथ लगी और येदियुरप्पा को सीएम की शपथ लेने से रोक ना पाई.

याकूब मेमन फैसले के बाद…

याकूब मेनन फैसले के बाद दुसरी बार सुप्रीम कोर्ट रात में खुली. हालांकि इस दौरान लंबी बहस चली लेकिन कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हो पाया. बता दें कि कांग्रेस ने येदियुरप्पा को शपथ ग्रहण करने से रोकने के लिए अर्जी लगाई थी. कांग्रेस का कहना है कि सबसे पहले कांग्रेस-जेडीएस ने राज्यपाल को समर्थन-सूची सौंपी थी लेकिन सरकार बनाने का पहला निमंत्रण भाजपा को कैसे मिला.

शुक्रवार को फिर सुनवाई

कांग्रेस-जेडीएस की अर्जी पर दुसरी बार सुनवाई होने के आसार दिख रहे हैं. कोर्ट ने कहा है कि शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे सुनवाई की जा सकती है. शुक्रवार को देखना है कि कांग्रेस के हिस्से में क्या फैसला आता है.

Read Also-कांग्रेस-जेडीएस सरकार सफल, राज्यपाल को सौंपी 117 विधायकों की समर्थन सूची
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

जज, गवर्नर…सब पीएम से डरे हुए हैंः राहुल गांधी

Photo by-PTI

नई दिल्ली। राहुल गांधी ने गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में दहशत का माहोल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डर से सब खामोश हैं. लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है. कर्नाटक में जनादेश को परे रखकर फैसला लिया गया. जज, गवर्नर, प्लानिंग कमीशन से लेकर तमाम बड़े संस्थान बीजेपी से डर गए हैं.

बुधवार की शाम कर्नाटक राज्यपाल द्वारा भाजपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण देने के बाद राजनीति गरमा गई है. विपक्षी दल भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं. राज्यपाल द्वारा भाजपा को पहला निमंत्रण दिए जाने के बाद कांग्रेस ने सीजीआई से मुलाकात की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद कांग्रेस ने गुरूवार को प्रेस कांफ्रेस में राहुल गांधी ने भाजपा सरकार की अलोकतांत्रिक बातों को उजागर किया. राहुल गांधी ने बीजेपी को तानाशाह तक बताया.

राज्यपाल से मुलाकात बेअसर

बुधवार को कुमारस्वामी के नेतृत्व में 112 से ज्यादा विधायक राजभवन गए. वहां जानें के बाद कुमारस्वामी ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने की बात कही थी और 117 विधायकों की समर्थन-सूची सौंपी थी. बहुमत से अधिक विधायकों की समर्थन-सूची सौंपने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ और आखिरकार जिस बात का डर कांग्रेस-जेडीएस को सता रहा था, वही हुआ. राज्यापल की ओर से सरकार बनाने का पहला निमंत्रण ना मिलने पर देखना है कि कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा.

Read Also-सीएम बनते हीं येदियुरप्पा का बिग एक्शन
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

सीएम बनते हीं येदियुरप्पा का बिग एक्शन

PC- google image

बेंगलुरू। आखिरकार कर्नाटक को मुख्यमंत्री मिल गया. गुरूवार की सुबह बीजेपी की ओर से येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री की शपथ ली. येदियुरप्पा मुख्यमंत्री होने का दावा पहले ही कर चुके थे. लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही येदियुरप्पा ने बड़ा फैसला लिया है जो कि विरोधियों को खामोश कर सकता है.

राहुल गांधी बार-बार बीजेपी पर किसानों की कर्ज माफ ना करने को लेकर हमला कर रहे थे. ऐसे में येदियुरप्पा ने कर्नाटक किसानों की 1 लाख तक कर्ज माफ कर राहुल गांधी को करारा जवाब दिया है. इस फैसले से कर्नाटक किसानों का दिल जीतने का प्रयास किया गया है. किसान मुद्दों को लेकर येदियुरप्पा का पहला कदम कर्नाटक के साथ देश की जनता को भी रास आएगा.

बता दें कि कर्नाटक चुनाव रिजल्ट आने के बाद बीजेपी ज्यादा सीट लाकर भी कांग्रेस-जेडीएस समर्थन के आगे सरकार बनाने से रूक गई थी लेकिन बुधवार की शाम राज्यपाल के फैसले के बाद भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण मिला. इसके बाद येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ ली. येदियुरप्पा को सोशल मीडिया के जरिए बधाईयां मिल रही हैं.

Read Also-रमजान में मोदी सरकार का आतंकियों के लिए तोहफा!
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

कांग्रेस-जेडीएस सरकार सफल, राज्यपाल को सौंपी 117 विधायकों की समर्थन सूची

बेंगलुरु। आखिरकार कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस ने राज्यापल से मुलाकात कर ली. बुधवार की शाम में मुलाकात कर राज्यपाल को 117 विधायकों की समर्थन सूची सौंपी दी. इससे एक बात को साफ दिख रही है कि कांग्रेस-जेडीएस कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए सक्षम है. इससे बीजेपी की राह और भी मुश्किल भरी लग रही है.

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जेडीएस और कांग्रेस नेताओं ने कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला से मुलाकात कर उन्हें विधायकों के सर्मथन की चिट्ठी सौंपी. जेडीएस से कुमारस्वामी और कांग्रेस की तरफ से परमेश्वर ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने की बात कही. इस मुलाकात के बाद कुमारस्वामी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, कुमारस्वामी ने कहा कि हमने सभी जरूरी कागजात राज्यपाल को सौंप दिए हैं.

इन दस्तावेजों से साबित हो चुका है कि हमारे पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समर्थन हैं. राज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया है कि वह संविधान के मुताबिक विचार करेंगे.’ हालांकि इससे पहले कांग्रेस ने कह दिया है कि यदि राज्यपाल सरकार बनाने का पहला मौका कांग्रेस-जेडीएस को नहीं देते हैं तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा. इतना ही नहीं व्यापक तौर पर विरोध प्रदर्थन किया जाएगा.

Read Also-रमजान में मोदी सरकार का आतंकियों के लिए तोहफा!

  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

113 विधायकों के साथ कुमारस्वामी पहुंचे राजभवन, बीजेपी की बेचैनी बढ़ी!

कर्नाटक। राजनीति में नया मोड़ देखने को मिला है जो कि बीजेपी की बेचैनी को बढा सकता है. पूर्ण बहुमत से ज्यादा 113 विधायकों के साथ कुमारस्वामी राजभवन पहुंच गए हैं. वहां पर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने को लेकर चर्चा होगी. यदि राज्यपाल की मंजूरी मिलती है तो कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार बना लेगी.

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राजनीति गरमाहट और भी बढ गई है. 104 सीटों को जीतने के बाद बीजेपी का रास्ता साफ दिख रहा था लेकिन मायावती के फोन कॉल ने सारा खेल बिगाड़ दिया. साथ ही मौका देखकर बिना समय गंवाए कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देकर बीजेपी को सरकार बनाने से रोक दिया. कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी कई प्रकार की रणनीति बना रही है. अभी तक कई प्रकार की बातें सामनें आ चुकी हैं. जिसमें कि विपक्ष नेताओं को 100-200 करोड़ रुपए व मंत्री पद देने के लालच मिल चुके हैं.

लेकिन अभी तक सरकार बनाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. कांग्रेस-जेडीएस लगातार बहुमत का दावा कर रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि वह सबसे बड़ी पार्टी है. लोकतंत्र व जनादेश के नाते सबसे पहले पार्टी बनाने का मौका बीजेपी को मिलना चाहिए लेकिन कांग्रेस ने कहा कि यदि राज्यपाल हमें मौका नहीं देते हैं वे सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे और धरना भी देंगे. ऐसे में सबकी नजर राजभवन पर टकटकी लगाए बैठी है.

रिपोर्ट- रवि कुमार गुप्ता

Read Also-आक्रोशित मायावती प्रधानमंत्री व योगी सरकार पर भड़की

  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

रमजान में मोदी सरकार का आतंकियों के लिए तोहफा!

PC- google image

जम्मू। सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बात को मानते हुए मोदी सरकार ने रमजान में आतंकियों को नयाब तरीके से तोहफा देने की बात कही. पवित्र रमजान-ए-माह में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाए जाएंगे. हालांकि इसके बाद सुरक्षा को लेकर कई तरह की बात भी सामने आई है. पर इस तरह के फैसले से आतंकी संगठनों को राहत पहुंची होगी.

बुधवार को एएनआई की खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने महबूबा मुफ्ती की अर्जी पर जम्मू-कश्मीर में सेना के ऑपरेशन को कुछ समय के लिए टाल दिया है.

भारत में 18 तारीख से रमजान आरंभ होगा. इस पवित्र माह में खून-खराबा ना हो इसलिए सीएम महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से ये मांग की थी.

गृह मंत्रालय ने ट्वीट के अनुसार किसी आतंकी हमले की स्थिति में ये शर्त लागू नहीं होगी. इस फैसले के बाद सूबे में सेना के ऑपरेशन पर रामजान के दौरान ढिल किया जाएगा. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान होगा. असुरक्षा की स्थिति में सरकार जरूरी कदम उठाने के लिए आजाद है.

इस तरह की ढील से मानवता को बढ़त देने की पहल की जा रही है. इससे आतंकियों को इंसानितय का संदेश मिलेगा. संभावना जताई जा रही है कि ऐसे मौके पर आतंकी हिंसा का रास्ता छोड़कर इंसानियत का धर्म अपनाकर जीवनयापन करेंगे.

Read Also-कर्नाटकः भाजपा के छह विधायक का कांग्रेस कनेक्शन!
  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak