जम्मू। सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बात को मानते हुए मोदी सरकार ने रमजान में आतंकियों को नयाब तरीके से तोहफा देने की बात कही. पवित्र रमजान-ए-माह में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाए जाएंगे. हालांकि इसके बाद सुरक्षा को लेकर कई तरह की बात भी सामने आई है. पर इस तरह के फैसले से आतंकी संगठनों को राहत पहुंची होगी.
बुधवार को एएनआई की खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने महबूबा मुफ्ती की अर्जी पर जम्मू-कश्मीर में सेना के ऑपरेशन को कुछ समय के लिए टाल दिया है.
भारत में 18 तारीख से रमजान आरंभ होगा. इस पवित्र माह में खून-खराबा ना हो इसलिए सीएम महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से ये मांग की थी.
गृह मंत्रालय ने ट्वीट के अनुसार किसी आतंकी हमले की स्थिति में ये शर्त लागू नहीं होगी. इस फैसले के बाद सूबे में सेना के ऑपरेशन पर रामजान के दौरान ढिल किया जाएगा. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान होगा. असुरक्षा की स्थिति में सरकार जरूरी कदम उठाने के लिए आजाद है.
इस तरह की ढील से मानवता को बढ़त देने की पहल की जा रही है. इससे आतंकियों को इंसानितय का संदेश मिलेगा. संभावना जताई जा रही है कि ऐसे मौके पर आतंकी हिंसा का रास्ता छोड़कर इंसानियत का धर्म अपनाकर जीवनयापन करेंगे.
Read Also-कर्नाटकः भाजपा के छह विधायक का कांग्रेस कनेक्शन!
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।