कर्नाटक के नाटक पर भाजपा पर बरसीं मायावती

कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर भाजपा द्वारा किए जा रहे जोड़-तोड़ पर बसपा प्रमुख मायावती ने हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में जो हो रहा है वह सब बीजेपी व आर.एस.एस द्वारा बाबासाहेब के बनाए संविधान को कमजोर करने व खत्म करने की साजिश है.

बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस- जे.डी.एस व बी.एस.पी के विधायकों की संख्या पूर्ण बहुमत की संख्या थी, लेकिन बहुमत से दूर होते हुए भी येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवा दी गई. यह निंदनीय है. इससे साफ हो जाता है कि भाजपा और आर.एसएस न तो अपने देश के संविधान में और न ही इसमें निहित लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास रखता है. यह देशहित में शुभ संकेत नहीं है.

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्यपालों की भूमिका पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि माननीय राज्यपालों द्वारा ज्यादार मामलों में केन्द्र सरकार के राजनीतिक स्वार्थ के हिसाब से ही फैसले लिए जाते रहने से राजभवनों की गरिमा खत्म हो रही है. यह देश के लोकतन्त्र के लिए भी खतरनाक हो रहा है. इसका शिकार उत्तर प्रदेश में कई बार बसपा भी हुई है.

इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय से अपील करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि वर्तमान हालात में अब हमारी पार्टी माननीय सुप्रीम कोर्ट से ही यह विशेष आग्रह करती है कि वह अपने देश के संविधान को व इसमें निहित लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने में अहम भूमिका निभाए.

मायावती ने 17 मई को जारी बयान में यह बातें कहीं. इसके बाद दूसरे दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को 19 मई की शाम 4 बजे फ्लोर टेस्ट करने को कहा है. इधर दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएसपी प्रमुख मायावती के बयान का समर्थन किया है. ममता बनर्जी ने ट्विट कर कहा है कि, ‘मैं मायावती जी के विचारों का समर्थन करती हूं. हमें अपने संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब अंबेडकर को पूर्ण सम्मान देना चाहिए.’

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