कर्नाटक का नाटक तीसरे दिन भी लगातार जारी है. भाजपा नेता येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दे दिया है. ऐसे में 104 सीटों वाली भाजपा बहुमत के लिए जरूरी 9 सीटों का जुगाड़ करने में जुटी हुई है. इसके लिए भाजपा कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों पर डोरे डाल रही है. कांग्रेस और जेडीएस का आरोप है कि उसके विधायकों को पैसों से लेकर पद तक का लालच दिया जा रहा है. समर्थन के लिए भाजपा नेताओं ने बसपा के एकमात्र विधायक एन. महेश से भी संपर्क किया. तब बसपा विधायक ने ऐसा जवाब दिया, जिसे सुनकर भाजपा के पदाधिकारी चलते बनें.
एन. महेश के मुताबिक कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा पदाधिकारियों ने उनसे संपर्क किया. महेश का कहना है कि उन्हें भाजपा की सरकार को समर्थन देने के लिए कहा गया. पहले तो महेश ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब उनसे लगातार संपर्क किया जाने लगा तो महेश ने भाजपा नेताओं को समर्थन के लिए बसपा प्रमुख मायावती से संपर्क करने को कह दिया. इतना सुनते ही भाजपा के पदाधिकारी चुपचाप निकल लिए.
दरअसल भाजपा के पदाधिकारियों के लिए मायावती से बात करने के बारे में सोचना भी आसान नहीं था. फिलहाल भाजपा के लिए जो मुश्किल खड़ी हुई है, वह मायावती के कारण ही है. मायावती ने त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और जेडीएस सुप्रीमों एच. डी देवगौड़ा से साथ आने का सुझाव दिया था. इसके बाद तुरंत कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन की घोषणा की. इसी के बाद कर्नाटक का राजनीतिक परिदृश्य अचानक से बदल गया. जो भाजपा आराम से सदन में बहुमत के लिए जरूरी सीटें जीतने का दावा कर रही थी, वो मायावती के मायाजाल में उलझ गई है.
मायावती के दखल के बाद मतगणना पूरा होने के पहले ही कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद कर्नाटक का सियासी पारा चढ़ गया. राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए न्यौता दिया. कांग्रेस और जेडीएस इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और गुरुवार रात को ही इस मामले में सुनवाई हुई.
भाजपा नेताओं द्वारा संपर्क किए जाने पर महेश का कहना है कि मैं पूरी मजबूती के साथ जद (एस) के साथ हूं. महेश चामराजनगर जिले के कोल्लेगल विधानसभा से निर्वाचित हुए हैं.
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Bahut sahi kiya