Monday, March 17, 2025

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बीबीसी पर इंकम टैक्स विभाग की रेड

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पूरी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह अव्वल दर्जे के तानाशाह हैं। जो भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करेगा, वो उसे बख्शेंगे नहीं। जी हां, जिस बीबीसी ने पिछले दिनों...

महाराष्ट्र के वैचारिक परंपरा में राजर्षि  शाहू महाराज का योगदान 

महाराष्ट्र का इतिहास प्राचीन है। अनेक घरानों  की  सत्ता   महाराष्ट्र   पर  थी, जिनमें से सर्व  प्रथम  'मौर्य' घरानों की  सत्ता  थी । इसके  पश्चात सातवाहन,वाकाटक ,चालुक्य , राष्ट्रकूट , यादव,तुघलक,आदिलशाही,निजामशाही,वरिदशाही,  कुतुबशाही,  इमामशाही   आदि   प्रमुख घरानों की सत्ता आयी। इनमें  से कई  शासन में आम...

माता-पिता को खोकर भी हौसला नहीं ख़ोया, अपने संघर्ष की बदौलत दिवाकर बना जज

दिनांक 10.10.2022 को बिहार लोक सेवा आयोग, पटना द्वारा 31वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम जारी किया गया, जिसमें कुल 214 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। उसमें एक नाम दिवाकर राम का भी है, जिसे कैमूर के बहुजन युवा कैमूर का कांशीराम कहते...

डॉ.आम्बेडकर और गाँधी आमने-सामने

मोहनदास करमचंद गांधी (2 अक्टूबर 1869 - 30 जनवरी 1948) की जिस व्यक्तित्व से निरंतर वैचारिक, राजनीतिक और नैतिक टकराहट होती रही, उस व्यक्तित्व का नाम डॉ. भीम राव आंबेडकर ( 14 अप्रैल, 1891 – 6 दिसंबर, 1956 )। दोनों के पास भारत के...

नरेंद्र मोदी-नीतीश को नहीं याद आए जोतिबा फुले, बसपा प्रमुख सहित इन दलित-बहुजन नेताओं ने रखा याद

भारत में जाति की राजनीति का सिक्का खूब चलता है। फिर चाहे दल कोई भी हो, सभी जातियों के आधार पर अपने उम्मीदवार और एजेंडे सेट करते हैं। यहां तक कि 2014 में लोकसभा चुनाव के पहले नरेंद्र मोदी ने खुद को ओबीसी का...

‘जन नायक’हमेशा जिंदा रहते हैं

महाकवि कबीर ने कहा है-‘सहज सहज सब कोई कहे, सहज न जाने कोइ।’  हालांकि जननायक कर्पूरी ठाकुर का संपूर्ण जीवन ही सहजता का पर्याय था। कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया में 24 जनवरी, 1924 को हुआ था। बाद...

बहुजन बुलेटिन- 24 दिसंबर 2021

राजस्थान में बढ़ रहा है दलितों के साथ अत्याचार, दलित दूल्हें को घोड़ी पर बिंदोली निकालने की मिली सजा, सर्वणों ने दूल्हे के साथ की जमकर मारपीट, माहौल बिगड़ता देख पुलिस की गई तैनात। ये मामला उदयपुर के सालेरा खुर्द गांव का है...

बच्चों के मन में जातिवाद का जहर भर रहें हैं अभिभावक, चंपावत की घटना बनी उदहारण

नई दिल्ली- कहते हैं कि बच्चे कच्ची मिट्टी के उस घड़े की तरह होते हैं जिसे जिस सांचे में ढाला जाए वो उसी का आकार ले लेते हैं इसलिए बच्चों को आदर्श सांचे में ढालने की जिम्मेदारी परिवार के ऊपर होती है, लेकिन क्या...

बहुजन बुलेटिन: 20 दिसंबर 2021

1- भाजपा को लगा झटका, नेता सुबोध राकेश ने छोड़ी, बसपा में हुए शामिल। उतराखंड चुनाव से पहले  भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेता सुबोध राकेश ने बसपा का दामन थाम लिया है। बताया जा रहा है कि गाजियाबाद पहुंचकर सुबोध राकेश ने अपने...

जब ‘खुली सोच’ को लेकर डॉ आंबेडकर ने लड़ी थी ऐतिहासिक क़ानूनी लड़ाई….

नई दिल्ली- हमारे समाज में यौन शिक्षा और खुल कर बोलने की आजादी होना, आज भी बहस का बड़ा मुद्दा है और कई बार ये बहसें हिंसात्मक भी हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये मसले समाज में आज ही, विवाद...
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विवादों में जगनमोहन रेड्डी, 500 करोड़ के भव्य महल पर उठे सवाल

जगन मोहन रेड्डी का भव्य महल, जिसे एक पूरे पहाड़ को समतल कर बनाया गया, राजनीतिक विलासिता और सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग का एक...

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