भारत में जाति की राजनीति का सिक्का खूब चलता है। फिर चाहे दल कोई भी हो, सभी जातियों के आधार पर अपने उम्मीदवार और एजेंडे सेट करते हैं। यहां तक कि 2014 में लोकसभा चुनाव के पहले नरेंद्र मोदी ने खुद को ओबीसी का बेटा कहा था और इसी जातिगत पहचान के आधार पर उन्होंने केंद्रीय राजनीति की शुरूआत की थी। आज भी भाजपा अगर पिछड़ों का वोट पाने में सफल होती है तो इसका कारण पीएम का ओबीसी ही है।
वैसे ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं जो स्वयं ओबीसी समुदाय से न केवल आते हैं, बल्कि ओबीसी की राजनीति भी खूब करते हैं। ओबीसी में अति पिछड़ा का बंटवारा कर उन्होंने लालू प्रसाद के सामाजिक न्याय के समीकरण को ध्वस्त किया और पिछले डेढ़ दशक से बिहार के सीएम पद पर काबिज हैं।
लेकिन इन दोनों को जोतिबा फुले से कोई सरोकार नहीं है। इन दोनों का मतलब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। इन दोनों ने अपने सोशल मीडिया मंचों पर जोतिबा फुले का नाम तक नहीं लिया है। जबकि इन दोनों को कल रामनवमी की बड़ी याद आयी और दोनों इससे संबंधित संदेश भी जारी किये।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब दलित-बहुजन समाज के बड़े नेताओं ने फुले जैसे महान सुधारक को याद करने से परहेज किया है।
आइए, अब हम बताते हैं उन बहुजन नेताओं के बारे में जिन्होंने जोतिबा फुले को याद किया। इनमें बसपा प्रमुख मायावती, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बिहार में राजद के नेता तेजस्वी यादव और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं।
बसपा प्रमुख ने अपने संदेश जोतिबा फुले को स्मरण करते हुए लिखा है– “महान समाज सुधारक व शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष, त्याग व तपस्या करके ऐतिहासिक कार्य करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले को उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन एवं उनके समस्त अनुयाइयों को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। ऐसे महापुरुष सदा लोगों के दिलों में रहते हैं।”
वहीं अखिलेश यादव ने अपने पार्टी कार्यालय में आयोजित जोतिबा फुले जयंती समारोह में हिस्सा लिया और अपने संबोधन में उनके योगदानों को लेकर विस्तृत चर्चा की। इसके अलावा अखिलेश यादव ने ट्वीटर और फेसबुक पर लिखा– “महान समाज सुधारक, विचारक, दार्शनिक और लेखक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर आत्मिक नमन।”
बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव ने जोतिबा फुले को नमन करते हुए लिखा है– “भारतीय सामाजिक क्रांति के जनक,अस्पृश्यता, ऊँच-नीच और पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था का आजीवन विरोध एवं महिलाओं और उपेक्षित वर्गों के उत्थान के लिए संघर्षरत महान समाज सुधारक व सत्यशोधक समाज के संस्थापक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन व श्रद्धांजलि।”
वहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने अपनी पोस्ट में लिखा है– “लखनऊ आवास पर शिक्षा व सामाजिक क्रांति के अग्रदूत, सत्य शोधक समाज की स्थापना एवं समता आधारित भारत निर्माण की नींव रखने वाले महामानव ज्योतिवाराव फूले जी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया i”
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