नई दिल्ली। अभी पनामा मामले की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि इसी तरह का एक और मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है. विदेशों में कालाधन रखने वाले भारत के 714 अरबपतियों, अभिनेता और नेताओं का नाम अब पैराडाइज पेपर्स में सामने आया है. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक, अमिताभ बच्चन समेत 714 भारतीयों ने टैक्स हेवंस कंट्रीज में इन्वेस्टमेंट किया है. इस मामले में पनामा मामले में संदिग्ध दिग्गज फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के साथ-साथ भाजपा नेताओं का नाम भी सामने आया है.
फिल्म अभिनेता के अलावा भाजपा के केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और भाजपा से राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, विजय माल्या और नंदलाल खेमका जैसे नामी हस्तियों के नाम इन पेपर्स में शामिल हैं. रिपोर्ट में 180 देशों को शामिल किया गया है, इसमें शामिल नामों के लिहाज से भारत 19वें पायदान पर है. वहीं, जयंत सिन्हा पर भी आरोप लगे हैं. रिपोर्ट में जिस ओमिडयार नेटवर्क का जिक्र है, उससे कभी जयंत भी जुड़े थे. उन्होंने मामले में सफाई दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक अमिताभ बच्चन ने 2004 की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम से पहले बरमूडा की एक कंपनी में पैसे लगाए. जयंत सिन्हा ने ओमिडयार नेटवर्क और डी. लाइट डिजाइन में इन्वेस्टमेंट किया. डी. लाइट ने अपनी सब्सिडियरी केमन आइलैंड्स से 30 लाख डॉलर का लोन लिया था. रिकॉर्ड्स बताते हैं कि वो डी.लाइट में डायरेक्टर थे. 2006 में सैन फ्रांसिस्को में डी.लाइट स्थापित की गई थी. भाजपा के राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने भी कई ऑफशोर कंपनियों में इन्वेस्टमेंट किया है. सिक्युरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विस (SIS) के फाउंडर रहे सिन्हा का नाम माल्टा लिस्ट में भी है. इसे सबसे बड़ा फाइनेंशियल डाटा लीक बताया जा रहा है.
बरमूडा के फर्म Appleby और सिंगापुर के Asiaciti समेत दुनिया की 19 टैक्स हेवंस कंट्रीज में ताकतवर शख्सियतों और सेलिब्रिटीज के इन्वेस्टमेंट की जांच की गई. 119 साल पुरानी यह कंपनी वकीलों, अकाउंटेंट्स, बैंकर्स और अन्य लोगों के नेटवर्क की एक मेंबर है. इस नेटवर्क में वे लोग भी शामिल हैं, जो अपने क्लाइंट्स के लिए विदेशों में कंपनियां सेटअप करते हैं और उनके बैंक अकाउंट्स को मैनेज करते हैं. गौरतलब है कि ये खुलासा अमेरिका के इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) पैराडाइज पेपर्स में किया गया है. बता दें ICIJ ने ही पिछले साल पनामा पेपर्स के जरिए कई अहम खुलासे किए थे.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।