पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से फोन पर बातचीत करने के बाद राजनीति में भूचाल आ गया है. इससे साफ दिख रहा है कि बिहार में नीतीश कुमार भाजपा के साथ खुश नहीं हैं. यानी कि गठबंधन टूट कभी भी सकता है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल करने के लिए तेजस्वी से बातचीत की लेकिन तेजस्वी ने बड़े हीं तीखे शब्दों में कहा कि जनादेश का पालन नहीं करने वाले के लिए कोई जगह नहीं है. अब नीतीश कुमार के लिए सारे दरवाजे बंद दिखाई दे रहे हैं.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझपर कितना भी दबाव हो मैं चाचा को महागठबंधन में नहीं आने दूंगा. तेजस्वी यादव ने मंगलवार को मीडिया के सामने कहा कि चाचा कितना भी हाथ पैर मार लें, लेकिन उनके लिए हमारे यहां के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं.
यह चर्चा तब गरमाई जब सोमवार को लालू प्रसाद यादव ऑपरेशन कराने के लिए मुंबई गए और नीतीश कुमार ने फोन के जरिए उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. सूत्रों का कहना है कि थोड़ी लंबी बातचीत चली थी. इसके बाद ही उनको महागठबंधन में शामिल करने के लिए बिहार के बड़े-बड़े नेताओं की ओर से कहा जाने लगा लेकिन तेजस्वी ने सबकी बातों को दरकिनार कर नीतीश कुमार को नकार दिया. इसके बाद नीतीश कुमार के सामने कोई चारा नहीं रह गया है. अब देखना है कि लाचार नीतीश कुमार बीजेपी के साथ बने रहते हैं या महागठबंधन में शामिल होने के लिए कोई और दाव अपनाते हैं.
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