बोधगया महाविहार मुक्ति का आंदोलन भारत से होते हुए अब दुनिया के तमाम देशों में पहुंच चुका है। दुनिया के तमाम हिस्सों में मौजूद अंबेडकरवादी और बौद्ध समाज के लोगों ने भारत में चल रहे इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। बीते दिनों अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में सैकड़ों की संख्या में लोग इस मुद्दे को समर्थन देने सड़क पर उतरे।
इस प्रदर्शन में अमेरिका के विभिन्न शहरों में रहने वाले अंबेडकरवादी और बौद्ध समाज के लोग पहुंचे। उनकी मांग थी कि बोधगया महाविहार को बौद्ध समाज को सौंपा जाए। इस प्रदर्शन में न सिर्फ भारत बल्कि श्रीलंका, बांग्लादेश, थाईलैंड और कंबोडिया जैसे देशों के बुद्धिस्ट भी पहुंचे थे।
दरअसल बिहार की राजधानी पटना से 120 किलोमीटर दूर गया ज़िले के बोधगया शहर में बीते 12 फरवरी से बौद्ध भिक्खु धरने पर हैं। उनकी मांग है कि बोधगया के महाबोधि महाविहार को पूरी तरह से बौद्ध समाज को सौंपा जाए और बीटी एक्ट यानी बोधगया टेंपल एक्ट, 1949 को ख़त्म किया जाए।
बता दें कि बोधगया वह स्थान है जहां तथागत बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। दुनिया भर के बौद्ध समाज के लिए यह स्थान तथागत बुद्ध के जीवन से जुड़े चार प्रमुख स्थानों में एक है। लेकिन यहां कि व्यवस्था में ब्राह्मण समाज का खासा हस्तक्षेप है, जिससे इस महाविहार की हिन्दूकरण होने लगा है। इसको लेकर बौद्ध समाज के लोग नाराज हैं और इस महाविहार के प्रबंधन से ब्राह्मण पुजारियों को हटाकर मैनेजमेंट को पूरी तरह से बौद्ध समाज को सौंपने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
