भले ही दुनिया चांद पर पहुंच चुकी हो और तरक्की के नए आयाम को पेश कर रही हो. लेकिन हम आपको एक ऐसी कड़वी सच्चाई से रुबरु कराने जा रहे हैं. जिससे देश दुनिया का सारा विकास बेईमानी सा दिखने लगेगा. दरअसल, अभी भी दुनिया भर में तकरीबन 4 करोड़ लोग गुलामी की जिंदगी जी रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा अपने महान देश भारत में ही है.
आकड़ों की ये तस्वीर बयां कर रही है कि देश में तकरीबन 1 करोड़ 40 लाख लोग गुलाम जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं. जिसमें सबसे ज्यादा बच्चें और महिलाएं शामिल हैं. जिसे ज्यादातर जबरन विवाह, मजदूरी, मानव तस्करी और वेश्यावृति जैसे धंधों मे जबरन धकेला जा रहा है.
मुल्क को शर्मसार करनेवाली ये रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ ने ऑस्ट्रेलिया के वॉक फ्री फाउंडेशन के साथ मिलकर तैयार की है. जिसमें भारत को दुनिया के रंगमंच पर पिछले चार सालों से सबसे ज्यादा गुलामों वाले देश के तौर पर पेश किया है. पेश की गई इस रिपोर्ट के बाद देश की खुफिया एजेंसी आईबी ने सरकार को आगाह किया है कि इससे देश की छवि और धुमिल हो सकती है जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है.
देश की सबसे बड़ी बिडंबना यही है कि चाहे वो भ्रष्टाचार का मामला हो या फिर रिश्वतखोरी का, इन सब में ये नंबर एक का मुकाम हासिल कर रखा है. और अब गुलामियत की ये नई रिपोर्ट शर्मिंदगी की सारी हदों को पार करती दिखाई दे रही है. बार-बार अपनी कूटनीतिक जीत का डंका पीटने वाली केन्द्र सरकार पर इस तरह की रिपोर्ट किसी तमाचे से कम नहीं है.

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