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नई दिल्ली। ये देश की राजधानी का बड़ा स्कूल है जो संविधान के विरोध में बच्चों को तैयार कर रहा है. संवैधानिक अधिकारों को राष्ट्रीय बाधा व असमानता बता रहा है. इसके सवालों को देखकर लगता है कि बच्चों को आरएसएस व आईटी सेल द्वारा जारी सवालों के आधार पर बच्चों को पाठ पढ़ा रहा है. इतना ही नहीं स्कूल प्रशासन से बात करने पर इनकी मानसिकता का छिपा अध्याय भी पढ़ने को मिला.
एक नजर सवाल पर
शहीद राजपाल डीएवी स्कूल, दयानंद विहार, दिल्ली ने क्लास आठ के बच्चों के लिए छुट्टीयों के लिए अंग्रेजी का सवाल दिया है. इनका सवाल नंबर-04 कहता है कि,
“आरक्षण देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा है. आरक्षण के कारण अयोग्य को मौका मिलता है और योग्य व्यक्ति को मौका नहीं मिलता. इससे देश में असमानता पैदा हो रही है.”
अब आप खुद सोचिए कि अंग्रेजी भाषा के पेपर में ऐसे सवाल का क्या संबंध है? संवैधानिक अधिकार को देश विरोधी बताना क्या देशहित है?
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आरएसएस व आईटी सेल का सवाल
फेसबुक या व्टॉसऐप पर हिंदू संगठन या आईटी सेल द्वारा इस तरह के सवाल अक्सर देखने को मिलते हैं. कई प्रकार के आरक्षण विरोधी असंवैधानिक फेसबुक पेज व ग्रुप में ठीक इसी प्रकार के सवाल व विचारों को फैलाने का काम करते हैं. जिनके पेज या वॉल पर भयंकर कट्टरवादी कमेंट, धमकी, गाली पढने को मिलती है. इस प्रकार के असंवैधानिक तत्वों को बढावा देने का काम शहीद राजपाल डीएवी स्कूल कर रही है.
बच्चों का ब्रेनवॉश कर रहा स्कूल
इस तरह के सवाल को देकर बच्चों के दिमाग में बारूद भरने का काम किया जा रहा है. मां-बाप स्कूल में बच्चों को सभ्य-सुशील व शिक्षित बनने के लिए भेजते हैं जो कि अनुशासन सीखे और समाज को विकास की राह पर बढाए. लेकिन बच्चों को ही असंवैधानिक पाठ पढाकर देश के भविष्य को बिगाड़ने की साजिश की जा रही है. बच्चों के अंदर जातिवाद का जहर भरा जा रहा है.
स्कूल का कहना
सवाल मिलने पर हमनें सबसे पहले स्कूल की वेबसाइट चेक की तो सवाल उनके वेबसाइट पर मौजूद मिला. इसके बाद इनके दिए गए नंबर हमनें कॉल कर बातचीत की लेकिन तीन-चार नंबरों पर बात करने के बाद हमें गोल-गोल घुमाया गया. इतना ही नहीं सवाल पूछने पर स्कूल प्रशासन हंसकर बात टाल दिया. इससे साफ जाहिर होता है कि स्कूल प्रशासन को अपनी असंवैधानिक करतूत पर कोई अफसोस नहीं.
रिपोर्ट- रवि कुमार गुप्ता
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