दलित प्रो. नंदूराम को समाजशास्त्र के क्षेत्र में अतुल्य योगदान के लिए मिलेगा सम्मान

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नई दिल्ली। भारतीय समाजशास्त्र परिषद प्रोफेसर नंदू राम को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित करेगा. प्रो. नंदूराम को यह सम्मान भारतीय समाजशास्त्र परिषद की 9 नवंबर को लखनऊ में होने वाली राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में दिया जाएगा. उन्हें यह सम्मान उनके समाजशास्त्र के क्षेत्र में किए गए योगदान के लिए दिया जा रहा है. प्रोफेसर राम समाज शास्त्र के क्षेत्र में एक बड़ा नाम हैं. वह जवाहर लाल विश्वविद्यालय में पहुंचने वाले पहले दलित प्रोफेसर थे।

प्रोफसर नंदूराम ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से समाजशास्त्र में एमए और पीएचडी किया.1978 से प्रो. नंदूराम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ सोशल सिस्टम्स और स्कूल ऑफ सोशल साइंस में पढ़ाने लगे. वह समाजशास्त्र में डॉ. अंबेडकर चेयर के संस्थापक प्रोफेसरों में से एक थे.

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प्रो. राम देश के तमाम संस्थानों से भी जुड़े रहें और कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई. 1999-2001 तक प्रो. नंदूराम सेंटर फोर द स्टडी ऑफ सोशल सिस्टम्स के चेयरपर्सन रहे. इसके अलावा वह देश में राज्य और केंद्र के कई विश्वविद्यालयों की कार्यकारी परिषद और प्रशासनिक परिषद के सदस्य भी रहे. 2001-2004 तक वह बाबासाहेब अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान राष्ट्रीय संस्थान, महू के निदेशक के पद पर कार्यरत रहे.

प्रो. नंदूराम भारतीय योजना आयोग द्वारा ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2011-2017) के तहत बनाए गए ‘भारतीय अनुसूचित जाति (एससी)
सशक्तीकरण’ योजना के वर्किंग ग्रुप के सदस्य भी थे. उन्होंने तीन दर्जन से भी अधिक शोधपत्रों और कई पुस्तकों को भी लिखा है जिनमें मुख्य रूप से है-

-The Mobile Scheduled Castes: Rise of a New Middle Class (1988)
-Beyond Ambedkar: Essays on Dalits in India (1995)
-Ambedkar, Dalits and Buddhism, (2008)
-Dalits in Contemporary India, (2008)
-Caste System and Untouchability in South India, (2008)
-Encyclopedia of Scheduled Castes in India : In 5 Volumes.

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