Monday, August 4, 2025

ओपीनियन

अन्य पिछड़ा वर्ग में से अलग आरक्षण कोटा ही है लाभप्रद और संवैधानिक समाधान

इधर कई दिनों से अखबार की सुर्खियों में खबर बन रही है कि प्रदेश सरकार ने उ0 प्र0 की कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी, मछुआ को अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित कर...

माब लिंचिंग की घटनाओं में राज्य और पुलिस की अपराधिक भूमिका

इधर कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जबकि किसी न किसी राज्य से माब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हिंसा) की खबर न आ रही हो. यह स्थिति देश के अन्दर अराजकता, कानून के राज्य का भाव एवं विभिन्न समुदायों में गहरा अविश्वास तथा शत्रुता का...

उत्तर प्रदेश में अति-पिछड़ी जातियों को अनुसूचित-जातियों की सूची में शामिल करने की राजनीति

कल योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की 17 अति-पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति के प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश जारी किया है जोकि पूरी तरह से असंवैधानिक एवं दलित विरोधी है. यह आदेश इलाहबाद हाई कोर्ट के अखिलेश यादव सरकार द्वारा 17 अति–पिछड़ी जातियों...

आरएसएस ने 1948 में तिरंगे को पैरों तले रौंदा था!

बीजेपी आज क्यों इतनी ज्यादा राष्ट्रप्रेम की बात करती है शायद इसलिए कि बीजेपी की मातृ संस्था आरएसएस ने आज़ादी की लड़ाई में कभी हिस्सा नहीं लिया था. 1930 और 1940 के दशक में जब आज़ादी की लड़ाई पूरे उफान पर थी तो आरएसएस...

लोक सेवाओं में लैटरल एंट्री को लेकर सरकार की नीयत पर उठते सवाल

केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त सचिव, उप सचिव तथा निदेशक स्तर के पदों पर चरणबद्ध तरीके से भारी संख्या में निजी क्षेत्र के व्यक्तियों को रखने और इस नियुक्ति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्गों को किसी तरह का आरक्षण नहीं देने...

क्या बदल जाएगी बिहार की राजनीति

देश की सियासत के दो ऐसे राज्य जिनके बारे में कहा जाता है कि यहां की राजनीति से देश की दिशा और दशा तय होती है. इस बार के लोकसभा चुनाव में इन दो राज्यों में बीजेपी और विपक्ष की सबसे बड़ी परीक्षा थी,...

राजनीति को समाज की चिंता क्यों नहीं

लोक सभा चुनाव के बाद श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने फिर सरकार बना ली है. यह चुनाव भाजपा की भारी जीत के साथ- साथ बेहद महंगे चुनाव अभियान के कारण भी चर्चा में रहा. क्या ऐसा नहीं हो सकता कि चुनाव...

स्कूली शिक्षा के राष्ट्रीयकरण के बिना नई शिक्षा नीति अधूूरी

नई शिक्षा नीति में "राष्ट्रीय समग्र विकास संघ" द्वारा सुझाये गए कई समतामूलक उपायों को सम्मलित करना स्वागत योग्य कदम है. जैसे यूनिफॉर्म शिक्षा हेतु त्रिभाषा फार्मूला तथा गणित, विज्ञान और सामाजिक विषयों की जानकारी प्राथमिक स्तर से सभी बच्चों को देना नई सरकार...

Dear society, I have question’sfor you!

My dear society, do you know that I heard the word ‘society’ for the first time when I was in 11th standard when one of the teachers who loved me a lot taught us one day the valuable words ofMaclver and Page, “Society is...

क्या ‘जय श्री राम’ की राजनीति का उत्तर ‘जय भीम’ का नारा है?

भारतीय जनमानस पर कथित धर्म और उनके आदर्शोने निसंशय रूप से अपनी अमिट छाप छोड़ी है. केवल किसी एक व्यक्ति, संस्था, समाज एवं प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत के समस्त लोकजीवन को बदलने वाली राजनीति धर्माधिष्ठित है. सन नब्बे के दशक में देश में...

न तो अध्यक्षी पार्ट टाइम है और न ही गृहमंत्रालय

17 जून को भारतीय राजनीति में एक ऐसी घटना घटी जो किसी प्रहसन से कम नहीं. भारतीय जनता पार्टी में जगत प्रकाश नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया. कार्यकारी अध्यक्ष ? इससे पहले तो कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बनाए जाते रहे हैं फिर अचानक पार्टी...

जानलेवा बीमारियों से निपटने के लिए ठोस उपाय क्यों नहीं करती सरकार

आप इसे चमकी बीमारी का नाम दे सकते हैं. डिजीटल युग में थोड़ा हैपनिंग और नया भी लगता है. लेकिन मुद्दे पर मेरी अपनी समझ कहती है कि ये दिमागी बुखार (एक्यूट एंसेफिलाइटिस सिंड्रोम) ही है. 100 नवजातों से ज्यादा दम तोड़ चुके हैं,...

चमकी बुखारः लापरवाही की वजह मरीजों की पृष्ठभूमि तो नहीं

बिहार के मुजफ्फरपुर में जिस तरह एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार की वजह से अभी तक 108 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं, वह कोई आम खबर नहीं है. जिस देश में चार सैनिकों के मारे जाने पर हर जिले में लोग...

आरक्षण खत्म किया जा रहा है और सरकार कह रही है आरक्षण जिंदाबाद!

केंद्रीय नौकरशाही के उच्च पदों पर एससी-एसटी-ओबीसी के अफसर पहले से ही कम हैं.ऐसे में बिना आरक्षण के हो रही लैटरल एंट्री से उनका प्रतिनिधित्व और घट जाएगा. करीब दो साल पर पहले जोधपुर में एक अखबार के कार्यक्रम में बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यन स्वामी ने...

बिलखती बेटियां, स्तब्ध समाज

छोटी बच्चियों के साथ निरंतर हो रही आपराधिक घटनाएं हमारे समाज के माथे पर कलंक ही हैं. यह दुनिया बेटियों के लिए लगातार असुरक्षित होती जा रही है और हमारे हाथ बंधे हुए से लगते हैं. कोई समाज अगर अपनी संततियों की सुरक्षा भी...

नेताओं की आपाराधिक छवि का ग्राफ

भारत का मतदाता हमेशा से चहाता रहा है कि आपराधिक छवि वाले लोगों को किसी भी प्रकार के चुनाव में प्रत्याशी न बनाया जाए, लेकिन होता हमेशा इसके विपरीत ही है, सभी राजनीतिक दलों द्वारा आपराधिक और दबंगई की छवि रखने वाले लोगों को...

दिल्ली मेट्रो में फ्री सफर, क्या हम दूजे ग्रह से आए है

मेट्रो, फ्री में सफर सिर्फ महिलाओं के लिए ऐसा क्यों है मुझे समझ नहीं आया. क्या हम दूसरे ग्रह से आई है. बिल्कुल भी नहीं .... .पुरुषों से कदम से कदम मिला कर चलने वाली को पुरुषों से बढ़कर क्यों? समानता का अधिकार मांगते...

जी हां, चमार चमार होते हैं

मई 2019 के दूसरे सप्ताह में फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल होती रही, जिसमें एक लड़की अपने दोस्तों से बात करते दिख रही थी। इस बातचीत में इस लड़की ने जो कहा था उसे यहां ज्यों का त्यों रखा जा रहा है : 'पहला लड़का...

क्या नरेन्द्र मोदी देश के डिवाईडर इन चीफ हैं?

टाइम दुनिया की सबसे प्रभावशाली पत्रिकाओं में से एक है. इस पत्रिका ने अपने ताजे अंक (20 मई 2019) के मुखपृष्ठ पर मोदी के पोर्ट्रेट को प्रकाशित करते हुए उन्हें ‘इंडियास डिवाईडर इन चीफ (भारत को बांटने वालों का मुखिया)’ बताया है. पत्रिका ने...

कैसा चुनावी राष्टवाद और ये कैसी गोडसे भक्ति??

अब जब लगभग 2019 के आम चुनावों का शोरगुल थमने वाला है. 23 मई को मतगणना शुरू हो जाएगी. देश के करोड़ों मतदातावों के मन की बात ईवीएम के बटन के माध्यम से अपने सांसद को चुना होगा. हर चुनावों की भांति इस बार...
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प्रो. नन्दू राम: भारतीय समाजशास्त्र को समग्रता प्रदान करने वाले समाजशास्त्री

भारतीय समाजशास्त्र में प्रो. नन्दू राम अगर अपनी लेखनी से भारत की एक-चौथाई जनता का समाजशास्त्रीय सच प्रकाशित एवं स्थापित नहीं करते तो भारतीय...

राजनीति

झारखंड और हेमंत सोरेन का दुनिया भर में नाम

नई दिल्ली/रांची। झारखंड की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में शुरू की गई मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना को अब अंतरराष्ट्रीय मंच...
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