बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के काठा गांव में गुरुवार सुबह यमुना नदी में किसानों और मजदूरों से भरी नाव डूबने से 25 लोगों की मौत हो गई. जबकि दर्जनों लोग अभी लापता हैं जिनकी गोताखोरों के द्वारा तलाश की जा रही है. बताया जा रहा है कि नाव में लगभग 60 यात्री सवार थे.
जिला प्रशासन ने बताया कि हादसे के बाद करीब एक दर्जन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. नाव में करीब 60 यात्री सवार थे. पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर हैं. बचाव कार्य में देरी से गुस्साए ग्रामीणों ने दिल्ली-सहारनपुर हाइवे जाम कर दिया. जाम खुलवाने पहुंचे एएसपी से हाथापाई हो गई.
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दुर्घटना से गांव काठा में कोहराम मचा हुआ है जबकि प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज लोगों ने दिल्ली सहारनपुर हाइवे को जाम कर दिया है. मिली जानकारी के अनुसार बागपत के काठा गांव निवासी अनेक महिला और पुरुष हर रोज नाव द्वारा यमुना पार करके मजदूरी और खेती किसानी के लिए हरियाणा जाते हैं.
मौके पर मौजूद जिलाधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि नाव में क्षमता से अधिक करीब 60 यात्री सवार थे. इनमें अधिकांश महिलाएं थीं. नाव जैसे ही बीच नदी में पहुंची, अचानक डूब गई. जिलाधिकारी के अनुसार पुलिस और पीएसी की बचाव दल की टीमों ने अभी तक 25 शव निकाले हैं. जबकि करीब एक दर्जन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है. उन्होंने बताया कि नाव में सवार अधिकांश लोग बागपत से हरियाणा में मजदूरी करने जा रहे थे.
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पुलिस के अनुसार नाव की क्षमता 15 यात्रियों की थी, लेकिन उसमें करीब 60 यात्री सवार थे. उधर, हादसे के बाद मृतक के परिजनों और ग्रामीणों द्वारा हंगामा जारी है. पुलिस लोगों को शांत करने की कोशिश में जुटी है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बागपत में हुई नाव दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जिलाधिकारी को मृतकों के परिजनों को हर संभव राहत दिलाने के निर्देश दिए और मुआवदे का ऐलान किया.

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