नई दिल्ली। भाजपा के लिए 2019 की राह आसान नहीं दिख रही है, महागठबंधन के बाद एक और मुश्किल खड़ी हो गई है. असम के करीब 90 फीसद बजरंग दल व विहिप कार्यकर्ता मोदी सरकार के खिलाफ प्रचार-प्रसार करने का काम करेंगे. मोदी सरकारी की नीतियों से खफा दोनों हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ जंग छेड़ने का ऐलान कर दिया है.
मीडिया खबरों की मानें तो असम में असम में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के 90 फीसद कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक दीपज्योति शर्मा ने इस बात कि पुष्टि करते हुए एक स्थानीय अखबार को बताया कि, गुवाहाटी में 820 बजरंग दल कार्यकर्ताओं में से 816 ने अपनी सदस्यता छोड़ी और खुद दीपज्योति शर्मा ने भी 24 मई को शहर के सुरकेश्वर मंदिर में महत्वपूर्ण मीटिंग के दौरान इस्तीफा देने की भी बात कही. चौंकाने वाले आकड़े ये हैं कि पूरे राज्य के 14 हजार बजरंग दल कार्यकर्ताओं में से 13,900 ने सदस्यता त्याग दी है. बजरंग दल के अलावा गुवाहाटी में विश्व हिंदू परिषद के 400 सदस्यों में से 380 ने इस्तीफा दे दिया है. यहां विहिप के राज्य सलाहकार डॉ. टीके शर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है.
तोगड़िया बनाम मोदी
दीपज्योति शर्मा बताते हैं कि 1 जुलाई को विहिप से बागी हुए पूर्व अध्यक्ष डॉ.प्रवीण तोगड़िया नए दल का ऐलान करेंगे. ये दल देशभर में मोदी के खिलाफ अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार करेगा. इन तमाम गतिविधियों से महागठबंधन को बल मिलेगा लेकिन भाजपा के लिए नई मुश्किल खड़ी हो गई है जो कि हिंदू वोटों को बीजेपी से छिन सकती है.
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