यशवंत सिंहा ने दिया करारा जबाव, तिलमिला उठे जेटली

नई दिल्ली। भाजपा के ही दो दिग्गज नेताओं में जुबानी जंग अब दुश्मनी तक पहुंच गई है. पार्टी में किनारे कर दिए गए भाजपा नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा और वर्तमान वित्तमंत्री अरुण जेटली के बीच तल्खी इतनी बढ़ गई है कि दोनों एक दूसरे पर निजी हमले करने लगे हैं. दोनों के बीच एक-दूसरे पर पलटवार का खेल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.

सिन्हा द्वारा देश की अर्थव्यवस्था के लिए जेटली को कठघरे में खड़ा करने के बाद जेटली सिन्हा पर भड़क गए. अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि

“कुछ लोग 80 साल की उम्र में नौकरी के आवेदक बनना चाहते हैं.”

अब इस पर यशवंत सिन्हा ने कहा है-

‘अगर मैं नौकरी का आवेदक होता, तो शायद वो (अरुण जेटली) पहले नंबर पर ना होते’.

सिन्हा ने आगे कहा कि 80 की उम्र में नौकरी का मजाक अच्छा था, मुझे पसंद आया. सिन्हा ने अरुण जेटली पर यह कह कर भी निशाना साधा कि जिन्होंने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी वो मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं. यहां गौरतलब है कि जेटली आज तक लोकसभा का चुनाव नहीं जीते हैं. यशवंत सिन्हा ने अरुण जेटली पर एक के बाद एक 10 वार किए, जिससे जेटली तिलमिला गए हैं. आइए देखते हैं कि आखिर सिन्हा ने अरुण जेटली को लेकर क्या कह दिया?

1. ‘अगर मैं नौकरी का आवेदक होता, तो शायद वो (अरुण जेटली) पहले नंबर पर ना होते’.

2. अरुण जेटली मेरी पृष्ठभूमि भूल गए हैं. मैंने राजनीति में दर-दर की ठोकर खाई है. 12 साल की IAS की नौकरी बाकी थी जब राजनीति में आया.

3. मैं हर सेक्टर पर चर्चा करने को तैयार हूं, हर सेक्टर में गिरावट हो रही है.

4. मैंने राजनीति में आने के कुछ समय के बाद ही अपनी लोकसभा की सीट चुन ली थी. मुझे अपनी लोकसभा की सीट चुनने में 25 साल नहीं लगे हैं. जिन्होंने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी, वो मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं.

5. मैंने वीपी सिंह की सरकार में मंत्री पद ठुकरा दिया था, लेकिन अरुण जेटली ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में राज्यमंत्री का पद स्वीकार कर लिया. वह लोकसभा में पहुंचे भी नहीं थे.

6. कालेधन और पनामा पर जेटली गुमराह कर रहे हैं. पनामा मामले में भारत में कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है.

7. मैं और चिदंबरम कभी दोस्त नहीं रहे हैं, बल्कि अरुण जेटली और चिदंबरम दोस्त रहे हैं.

8. हम मुद्दे से भटकने नहीं देंगे, इसलिए पर्सनल आरोप लगा रहे हैं. जो लोकसभा का सदस्य है वही लोगों की बात समझ सकता है, पांव में छाले पड़ेंगे तो ही कुछ समझ आएगा.
9. लोग आज भी मेरे पास जॉब की सर्च में आते हैं, क्या अरुण जेटली के पास लोग आते हैं.

10. उन्होंने कहा कि मैं यूज़लैस मंत्री था, अगर ऐसा था तो मुझे विदेश मंत्री क्यों बनाया गया था?
भाजपा के इन दोनों नेताओं की नोकझोक पर विपक्ष भी चुप्पी साधे मजे ले रहा है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.