इस्तीफा स्वीकार न होने के चलते सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बागी विधायक, कहा- स्पीकर जानबूझकर देर कर रहे

कर्नाटक का राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. अब इस्तीफा स्वीकार नहीं किए जाने के बाद बागी विधायकों ने विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. विधायकों ने स्पीकर पर आरोप लगाया है कि रमेश कुमार अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं. वह जानबूझकर इस्तीफे की स्वीकृति में देरी लगा रहे हैं. इस मामले की गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है.

विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने मंगलवार को 13 में से 8 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए थे. उन्होंने कहा था, ‘‘13 में से 8 विधायकों के इस्तीफे कानूनन तौर पर सही नहीं है. इस बारे में राज्यपाल वजुभाई पटेल को भी जानकारी दे दी है. किसी भी बागी विधायक ने मुझसे मुलाकात नहीं की. मैंने राज्यपाल को भरोसा दिलाया है कि मैं संविधान के तहत काम करूंगा. जिन पांच विधायकों के इस्तीफे ठीक है, उनमें से मैंने 3 विधायकों को 12 जुलाई और 2 विधायकों को 15 जुलाई को मिलने का वक्त दिया है.”

वहीं, कांग्रेस-जेडीएस के 10 बागी विधायक मुंबई के रेनेसां होटल में हैं. बुधवार को उनसे मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता शिवकुमार को मुंबई पुलिस ने होटल में जाने से रोक दिया गया. इस पर शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने यहां रूम बुक किया है. कुछ दोस्त यहां रुके हुए हैं. उनके बीच छोटी सी समस्या हो गई है. विधायकों से बातचीत करना चाहता हूं. यहां डराने-धमकाने की कोई बात नहीं है. वे एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. वहीं, जेडीएस नेता नारायण गौड़ा के समर्थकों ने होटल के बाहर शिवकुमार गो बैक के नारे लगाए.

कर्नाटक सरकार में मंत्री शिवकुमार ने कहा, ‘‘वे अपना काम कर रहे हैं. हम अपने दोस्तों से मिलने आए हैं. हमने एक साथ राजनीति शुरू की और एक ही साथ राजनीति में मरेंगे. वे हमारी पार्टी के लोग हैं और हम उनसे मिलने आए हैं. मैं अपने दोस्तों से बिना मिले नहीं जाऊंगा.’’

वहीं, कांग्रेस के बागी विधायक रमेश जारकिहाली ने कहा कि हम उनसे नहीं मिलना चाहते. भाजपा का कोई भी नेता हमसे मिलने यहां नहीं आया है. बी. बस्वराज ने भी कहा कि हमारा शिवकुमार का अपमान करने का कोई इरादा नहीं है. हमें उनपर भरोसा है, लेकिन ऐसा कदम उठाने का कारण है. हम उनसे आग्रह करते हैं कि वे यह समझने का प्रयास करें कि हम उनसे आज नहीं मिल सकते.’’

मुंबई के रेनेसां होटल में ठहरे कांग्रेस और जेडीएस के 10 विधायकों को मनाने के लिए कर्नाटक सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार और जेडीएस विधायक शिवलिंगे गौड़ा बुधवार को विशेष विमान से बेंगलुरु से मुंबई पहुंचे. बागी विधायकों ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से खतरा है. इसे लेकर विधायकों ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की.

पत्र के मुताबिक, ‘‘हमने सुना है कि सीएम और डीके शिवकुमार होटल आने वाले हैं. इस कारण हम डरे हुए हैं. हम उनसे नहीं मिलना चाहते. पुलिस से आग्रह है कि उन्हें होटल में न आने दिया जाए.’’ पत्र में 10 विधायकों शिवराम हेबर, प्रताप गौड़ा पाटिल, बीसी पाटिल, एसटी सोमशेखर, रमेश जारकिहोली, बी बस्वराज, एच विश्वनाथ, गोपालैया, नारायण गौड़ा और महेश कुमुताली के हस्ताक्षर हैं.

इसके बाद पुलिस ने होटल के बाहर कड़ी सुरक्षा लगाई गई है. महाराष्ट्र रिजर्व पुलिस फोर्स और रैपिड ऐक्शन फोर्स (आरएएफ) को होटल के बाहर तैनात कर दिया गया है. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी क्षेत्र) दिलीप सावंत भी पवई के होटल रेनेसां पहुंचे.

जेडीएस विधायक गौड़ा ने कहा कि हम गठबंधन सरकार से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि दोनों पार्टियों में कोई एकता नहीं है. कांग्रेस ने एचडी कुमारस्वामी को बहुत परेशान किया है. उन्होंने वह नहीं करने दिया जाता जो वह चाहते हैं. जब वह हमें बुलाएंगे तो हम स्पीकर से मिलेंगे, हमने पार्टी नहीं छोड़ी, केवल विधायकी से इस्तीफा दिया है.

एक विधायक ने हॉर्स ट्रेडिंग (खरीद-फरोख्त) के आरोपों पर कहा कि हम यहां पैसों के लिए नहीं आए. हमें कोई पैसे नहीं दे रहा. हमने पार्टी को सौ बार अपनी समस्याएं बताईं, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी. कुछ मंत्री हमारा मजाक उड़ाते थे. विधायक नारायण गौड़ा ने कहा कि किसी ने हमें सूचना दी थी कि मुख्यमंत्री और शिवकुमार यहां विधायकों से बात करने आने वाले हैं. उनके साथ कोई बैठक नहीं करना चाहते है, इसलिए पुलिस से सुरक्षा देने के लिए कहा है.

इससे पहले कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा था कि हम स्पीकर से दलबदल कानून के तहत बागी विधायकों पर कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं. हम अनुरोध करते हैं कि उन्हें न केवल अयोग्य घोषित करें बल्कि 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से भी रोकें. विधायकों ने भाजपा से समझौता कर लिया है.

उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं. वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया.

शनिवार को कांग्रेस-जेडीएस के 14 विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा दे दिया था. अगर 14 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होते हैं तो विधानसभा में कुल 210 सदस्य रह जाएंगे. विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर ये संख्या 209 रह जाएगी. ऐसे में बहुमत के लिए 105 विधायकों की जरूरत होगी. कुमारस्वामी सरकार के पास केवल 102 विधायकों का समर्थन रह जाएगा. ऐसे में सरकार अल्पमत में आ जाएगी.

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