
नई दिल्ली। रमजान का माह चालू हो गया है. दिनभर के रोजा के बाद शाम में इफ्तारी के समय में फल खाया जाता है. हालांकि फल खाना बुरी बात नहीं है लेकिन फिलहाल के वक्त के लिए फल खाना खतरनाक साबित हो सकता है. केरल में निपाह वायरस ने पैर फैलाना आरंभ कर दिया है. अभी तक 11 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में आखिर फल का निपाह वायरस क्या संबंध हैं, यह जानकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
निपाह वायरस का कारण
जानकारी के अनुसार निपाह वायरस का वाहक चमगादड़ है. चमगादड़ के लिए निपाह वायरस फैलता है. हालांकि निपाह का प्रकोप हम केरल में देख रहे हैं. वहां पर भी निपाह वायरस के फैलने का कारण चमगादड़ बताया जा रहा है. गौर करने वाली बात है कि चमगादड़ खासकर खजूर के पेड़ से लटकते हैं. इसके जरिए वह फलों में चले जाते हैं और उसके बाद मानव व पशु के शरीर में घुस जाते हैं.
इन फलों को ना खाएं
ऐसे परिस्थिति में खजूर को खाना जानलेवा साबित हो सकता है. खजूर में इसकी संभावना ज्यादा बताई जा रही है. साथ ही अन्य फलों आम, अमरूद आदि को भी खाने से परहेज किया जाना चाहिए. क्योंकि इन पेड़ों पर भी चमगादड़ रहते हैं. साथ ही पंक्षियों के जूठन फलों को बिलकुल ना खाएं. बता दें कि रमजान के दौरान खजूर खाकर इफ्तारी की जाती है. इसलिए जबतक निपाह पर काबू नहीं पाया जाता तबतक हमें सावधानी बरतनी चाहिए.
इनका भी रखें ख्याल
निपाह वायरस से इन्फेक्टेड चमगादड़ या कोई और पक्षी किसी फल पर चोंच मारता है या खाता है, तो ये वायरस फ्रूट में प्रवेश कर जाता है. ये फल कोई भी हो सकता है. इसलिए इन बातों का ख्याल रखें. वायरस वाला फ्रूट मार्केट से आपके घर तक पहुंच सकता है. यदि किसी सूअर या अन्य पक्षी में यह वायरस है तो उसके जरिए भी इसका इन्फेक्शन फैल सकता है. इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से इन्फेक्टेड है तो उसके संपर्क में जाने से भी शिकार हो जाएंगे.
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