अंबेडकरवादी समाज हमेशा से ‘पे बैक टू सोसाइटी’ के रास्ते पर चलता है। कोविड के दौर में यह समाज एक बार फिर से सामने आया है। दिल्ली में अंबेडकरवादी संगठनों ने मिलकर जय भीम कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाया है, जहां कोरोना से जूझ रहे गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। खास बात यह है कि यहां ऑक्सीजन समेत सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद है।
पिछले करीब एक महीने से चल रहे इस कोविड आइसोलेशन सेंटर की विधिवत शुरुआत 26 मई को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर किया गया। साउथ दिल्ली में बत्रा हॉस्पिटल के पास यह सेंटर 55B तुगलकाबाद इंस्टीट्यूशनल एरिया में चल रहा है, जिसके इंचार्ज डॉ. मोहनलाल भागवत हैं। इस सेंटर को बामसेफ, संत रविदास इंटरनेशनल मिशन, राष्ट्रीय शोषित परिषद और अर्थ रिवाइटल फाउंडेशन ने साथ मिलकर शुरू किया है, जहां कोविड के मरीजों का इलाज हो रहा है।
संयुक्त प्रयास से चल रहे इस कोविड आइसोलेशन सेंटर के मुख्य संरक्षक बामसेफ के डॉ. सिद्धार्थ हैं, जबकि डॉ. धर्मेंद्र कुमार इसके संरक्षक, जोगिन्दर सिंह नरवाल चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर और डॉ. मोहन लाल भागवत सेंटर के मैनेजर हैं। जबकि इस कोविड सेंटर के लिए अपनी पूरी बिल्डिंग देने वाले राष्ट्रीय शोषित परिषद के विनय गौतम मैनेजमेंट इंचार्ज हैं।
जहां तक डॉक्टरों की बात है तो यह सेंटर डॉ. मोहनलाल भागवत के नेतृत्व में चल रहा है, जिसमें उनके साथ 6 अन्य अनुभवी डॉक्टर हैं। डॉक्टरों की इस टीम में डॉ. दीपशिखा, डॉ. पूनम, डॉ. प्रोमिला भल्ला के अलावा पैरामेडिकल के मोहित राज, मो. फैजान, बिलाल अहमद शामिल हैं। डॉ. मोहन लाल भागवत मेडिकल साइंसेंज एंड रिसर्च हमदर्द युनिवर्सिटी दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में लेक्चरार हैं। अच्छी बात यह भी है कि इस कोविड सेंटर से 22 ऐसे डॉक्टर जुड़े है, जो मुफ्त में कोविड को लेकर ऑनलाइन सलाह देते हैं। इसमें दिल्ली एम्स के अलावा देश के अलग-अलग शहरों के डॉक्टर जुड़े हैं।
इस सेंटर के शुरू होने के बाद अंबेडकरी समाज और अंबेडकरवादी संगठन मदद के लिए सामने आए हैं। श्री गौतमा प्रभु नगप्पन चेन्नई, फाउंडेशन ऑफ हिज स्क्रीड मैजेसटी और बुद्धा लाइट इंटरनेशन एसोसिएशन मलेशिया की ओर से कोविड सेंटर को दो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिया गया है। जबकि लक एंबुलेंश सर्विस के नीरज कुमार गुप्ता ने सेंटर को 6 मुफ्त एंबुलेंस दिया है। तो राष्ट्रीय शोषित परिषद के विनय गौतम ने इस सेंटर के लिए अपनी बिल्डिंग दे दी है।
कोविड के दौर में जब देश के लोगों को एक-दूसरे के मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है, अंबेडकरवादी और बुद्धिस्ट संगठनों का इस तरह समाज को मेडिकल सहायता देना एक बड़ा कदम है, और अंबेडकरी आंदोलन के सबसे बड़े मंत्र ‘पे बैक टू सोसाइटी’ का एक बेहतर उदाहरण है।

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