नई दिल्ली। दिल्ली के चर्चित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को कारगिल विजय दिवस का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में भाषण देते हुए जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जनरल वीके सिंह से विश्वविद्यालय को एक सैन्य टैंक दिलवाने में मदद का अनुरोध किया.
जगदीश कुमार ने कहा कि टैंक को विश्वविद्यालय में डिस्प्ले के लिए रखा जाएगा जिससे छात्रों में राष्ट्रभक्ति जगाने के लिए प्रेरित किया जायेगा. कुलपति जगदीश कुमार ने अनुरोध किया कि अगर टैंक विश्वविद्यालय परिसर में रखा जाता है तो छात्रों को लगातार सैनिकों के बलिदान और साहस का स्मरण होता रहेगा.
बता दें की जेएनयू में पहली बार कारगिल विजय दिवस का आयोजन किया गया था. जेएनयू कैंपस में एक सैन्य टैंक को रखने का विचार 9 फरवरी, 2016 को आयोजित उस कार्यक्रम के बाद ही आया है जिसमें कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगने के कारण छात्रों को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
जेएनयू में रविवार को ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया गया था. साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की शहादत की याद में ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया जाता है. गौरतलब है कि पिछले साल कथित भारत-विरोधी नारेबाजी के कारण जेएनयू विवादों में घिरा रहा था.
जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों ने कारगिल के शहीदों के परिजन और पूर्व सैनिकों के संगठन ‘वेटरंस इंडिया’ के सदस्यों के साथ 2,200 फुट लंबा तिरंगा लेकर एक मार्च निकाला. कार्यक्रम में थलसेना बैंड का भी एक कार्यक्रम हुआ. इस मौके पर, कारगिल में शहीद हुए सैनिकों के परिवार की महिला सदस्यों को सम्मानित किया गया.
जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कार्यक्रम को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया और कहा कि यह थलसेना और देश के अन्य सुरक्षा बलों के बलिदान को याद करने के लिए एक अहम दिन था.
जेएनयू के मेन गेट से शुरू हुए तिरंगा मार्च में दो केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जनरल वी के सिंह ‘वेट्रंस इंडिया’ के मेंटर मेजर जनरल जी डी बख्शी और क्रिकेटर गौतम गंभीर भी शामिल हुए. कार्यक्रम में तमाम लोगों ने हिस्सा लिया और 2,200 फीट लंबे तिरंगे को मेन गेट से कन्वेंस सेंटर तक करीब दो किलोमीटर लेकर गए. मार्च में 23 शहीदों के परिजनों ने भी भाग लिया.
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