न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च मस्जिद हमले में एक भारतीय की मौत हो गई है. मरने वाले का नाम जुनैद कारा है और वह गुजरात के नवसारी का रहने वाला था. पिछले कई साल से वह न्यूजीलैंड में अपने परिवार के साथ रह रहा था और वहां स्टोर चलाता है. शुक्रवार को वह भी मस्जिद में नमाज अदा करने गया था. इस दौरान हमलावर ने उसे गोली मार दी.
इस बीच शनिवार को आरोपी ब्रेंटन हैरिसन टारंट को कोर्ट में पेश किया गया. उसे बिना किसी दलील सुने 5 अप्रैल तक हिरासत में भेज दिया गया. बता दें, ब्रेंटन ने दो मस्जिदों पर गोलीबारी की थी और लाइव वीडियो बनाते हुए 49 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. ब्रेंटन हैरिसन की पहचान ऑस्ट्रेलियाई नागरिक के रूप में हुई थी.
हथकड़ी और सफेद जेल शर्ट पहने हुए ऑस्ट्रेलियाई मूल के पूर्व फिटनेस प्रशिक्षक ब्रेंटन हैरिसन टारंट ने जमानत की अपील नहीं की. इस कारण उसे 5 अप्रैल तक हिरासत में भेज दिया गया. शुक्रवार को क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में गोलीबारी हुई थी. इस दौरान 49 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना के लिए ब्रेंटन को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
न्यूजीलैंड की पीएम ने इसे आतंकी हमला बताया
प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा था कि इसमें प्रभावित लोग या तो प्रवासी हैं या फिर शरणार्थी हैं. यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है. हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. मोदी ने इस कठिन घड़ी में न्यूजीलैंड के मित्रवत लोगों के प्रति पूरी एकजुटता व्यक्त कीप्रधानमंत्री ने जोर दिया कि भारत आतंकवाद के हर स्वरूप और ऐसे कार्यों का समर्थन देने वालों की कड़ी निंदा करता है.
भारत, न्यूजीलैंड सरकार के साथ
शुक्रवार देर रात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, ‘‘हम क्राइस्टचर्च में धर्मस्थलों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. हमारी संवेदनाएं प्रियजनों को खोने वालों के साथ हैं. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. दुख की इस घड़ी में भारत न्यूजीलैंड की सरकार और जनता के साथ एकजुटता से खड़ा है’’
9 भारतीयों के लापता होने की खबर
न्यूजीलैंड में भारत के उच्चायुक्त संजीव कोहली ने कहा कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक कई सूत्रों से मिली जानकारी के बाद पता चल रहा है कि भारतीय नागरिकता/मूल के 9 व्यक्ति लापता हैं. इस बावत आधिकारिक सूचना का इंतजार है. उन्होंने कहा कि मानवता के खिलाफ ये गंभीर अपराध है. हमारी प्रार्थनाएं उन परिवार वालों के साथ हैं जिन्होंने इस हादसे में अपने परिवार वालों को खोया है.
Read it also-चंद्रशेखर का मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान, अखिलेश पर किए कई वार
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।