लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दलित अत्याचार का एक शर्मनाक मामला सामने आया है. घर पर अकेला देखकर राजपूतों ने दलित महिलाओं पर जानलेवा हमला किया. इतना ही नहीं घर में घुसकर मारा और फिर घर को पूरी तरह उजाड़ दिया. ये महिलाएं जान बचाकर 100 नंबर डायल कर पुलिस को बुलाई तब जाकर इनकी जान बच पाई.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूपी के बांदा जिले के बिसंड़ा थाना क्षेत्र के तेंदुरा गांव में गुरुवार सुबह ऊंची जाति के एक समूह ने एक दलित परिवार के घर पर हमला बोल दिया. इस हमले में दलित परिवार की एक बुजुर्ग महिला सहित चार महिलाएं बुरी तरह घायल हो गई.
दलित का अकेला घर
पीड़ित परिवार के मुखिया संतोष ने बताया कि कहा, “हमले के समय घर में सिर्फ महिलाएं थीं. वह खुद जरूरी काम से इलाहाबाद में है. हमलावर समूह उसके परिवार का घर छीनना चाहते हैं. ऊंची जाति के इलाके में सिर्फ उसका घर बचा है, जिसे छीनने की पुरजोर प्रयास किया जा रहा है. राजपूतों की ओर से यह छठा हमला है. घटना की सूचना एसपी, थानाध्यक्ष सहित कई पुलिस अधिकारियों को जरिए फोन दे दी गई है. साथ ही हमेशा मारने-पीटने की धमकी देते रहते हैं.”
ऐसे किया हमला
यह हमला सुबह करीब साढ़े छह बजे किया जब बुजुर्ग दलित महिला शिवकलिया (58) अपने घर के पिछवाड़े गोबर के उपले उठाने गई थी. तभी संतराम सिंह, उसका बेटा अमित सिंह, लालू सिंह और दो महिलाएं सावित्री व सपना ने उपले उठाने से दलित महिला को रोका व धक्का मुक्की की. जब वह नहीं मानी, तब इस समूह के आधा दर्जन लोगों ने एक साथ मिलकर उस पर हमला बोल दिया. उसे बचाने पहुंची गुड्डन (32), रोशनी (16) और सुनीता (29) को भी घर में घुस कर मारा-पीटा गया.
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