उदयपुर। राजस्थान के 17 साल के कल्पित वीरवाल ने इतिहास रच दिया है. आईआईटी जेईई के मेन्स में कल्पित ने 360 में से 360 अंक हासिल किए हैं. कल्पित ऐसा करने वाले देश के पहले छात्र हैं. जेईईमेन्स में सौ फीसदी अंक लाने वाले उदयपुर के कल्पित वीरवाल की जिंदगी बदलने लगी है. रिजल्ट आने के बाद से ही स्कूल से लेकर पड़ोसी तक के बीच उनकी हैसियत एकदम से बदल गई है और वह कई युवाओं के रोल मॉडल बनने लगे हैं. टीना डाबी के बाद कल्पित ने भी इस मिथक को भी धाराशायी कर दिया है कि आरक्षित वर्ग के छात्रों में प्रतिभा नहीं होती.
सोशल साइट्स में भी यह बहस खूब देखने को मिली. ट्विटर पर लोगों ने #KalpitVeerval पर मैसेज करते हुए शर्मा जी के लड़के को ट्रोल करना शुरू कर दिया. अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को शर्मा जी (विशेष जाति) के बेटे से सीखने का उदाहरण देते रहते हैं. इसलिए लोगों ने ट्विटर पर शर्मा जी के बेटे पर फिरकी ली. कईयों ने शर्मा जी के लड़के के लिए दो मिनट का मौन रखा. इस शानदार उपलब्धि के बाद हर ओर कल्पित की ही चर्चा है. पिछले कुछ दिनों से उनकी जिंदगी भी बदल गई है.
– रिजल्ट निकलने के बाद शुक्रवार को प्रतापनगर स्थित एमडीएस सीनियर सैकंडरी स्कूल में कल्पित का जमकर स्वागत हुआ. कैम्पस में स्कूली छात्र कल्पित को ढोल-नगाडों के साथ अपने साथी का स्वागत किया. संस्था के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र सोमानी, प्राचार्या डॉ. निधि माहेश्वरी और सभी अध्यापकों ने कल्पित को माला पहनाकर बधाई दी.
– जेईई के एग्जाम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी विद्यार्थी ने फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स में 120 में से 120 नंबर हासिल किए हैं. फुल मार्क्स पाने वाले कल्पित सोशल मीडिया पर छा गए हैं.
– भारतीय टीम के बल्लेबाज रविंद्र जडेजा ने भी कल्पित को ट्विट कर बधाई दी है. जडेजा ने कल्पित का फोटो पोस्ट करते हुए भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं. इस नतीजे से जडेजा उत्साहित लगे.
– कल्पित को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी बधाई दी. उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा कि राजस्थान को कल्पित पर गर्व है.
– राजनीतिक दलों में भी कल्पित का सम्मान करने के लिए होड़ लगी रही. कल्पित के घर लगातार नेता से लेकर अन्य लोग पहुंच रहे हैं. बधाई देने वालों का तांता अभी भी नहीं टूटा है.
– कल्पित की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि वह दलित स्टूडेंट हैं.
– कल्पित के पिता पुष्कर लाल वीरवाल उदयपुर के महाराणा भूपाल सरकारी अस्पताल में कंपाउन्डर हैं और मां राजस्थान में उदयपुर के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं. बेटे की वजह से इन दोनों को इन दिनों खूब सम्मान मिल रहा है. अस्पताल में पिता की इज्जत अचानक से बढ़ गई है तो मां को भी लोग कल्पित की मां के नाम से जानने लगे हैं.
– कल्पित के दलित वर्ग से संबंध रखने के कारण भी एक नई बहस छिड़ गई है. सोशल मीडिया पर आरक्षण और काबिलियत को लेकर एक बार फिर बहस चल पड़ी है. तमाम लोगों का कहना है कि जो कहते हैं कि दलितों में मेरिट नहीं है टीना डाबी के बाद कल्पित की उपलब्धि उनके मुंह पर करारा तमाचा है. कल्पित वीरवाल सामान्य और अनुसूचित जाति में टॉप आए हैं.
– इससे पहले कल्पित इंडियन जूनियर साइंस ओलंपियाड और नेशनल टैलेंट सर्च एग्जाम में भी टॉप कर चुके हैं.
– कल्पित के बड़े भाई एम्स में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.

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