नई दिल्ली। दस रुपये के सिक्के को लेकर काफी भ्रम फैला हुआ है. इस भ्रम की चपेट में सबसे ज्यादा अशिक्षित और गांव के लोग आ जाते हैं और अक्सर दस रुपये का सिक्का लेने से इंकार कर देते हैं. इसको लेकर अब रिजर्व बैंक सामने आया है. बैंक ने 10 रुपये के सिक्कों के सभी 14 डिजाइन को लेनेदेन के लिए वैध और मान्य बताया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को यह जानकारी दी है. आरबीआई की ओर से यह बयान उस समय आया है जब कुछ व्यापारियों ने ये सिक्कें स्वीकार करने से इनकार कर दिये थे.
आरबीआई ने सिक्कों के विभिन्न डिजाइन की वैधता और मान्यता दोहराया है. अपने बयान में केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि वह बाजार में उन्हीं सिक्कों को डालता है जो सरकारी टकसालों में बनते हैं. साथ ही यह भी कहा कि इन सिक्कों में विशिष्ट फीचर्स होते हैं जो आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को दर्शाते हैं. इन्हें समय समय पर पेश किया जाता है.
भारतीय रिजर्व बैंक अब तक 10 रुपये के सिक्कों के 14 डिजाइन जारी कर चुका है. यह सभी वैध तथा मान्य हैं. रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों व शाखाओं से वित्तीय लेनदेन और एक्सचेंज के लिए इन्हें स्वीकार करने के लिए कहा है.
करण
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।