
नई दिल्ली। अयोध्या की विवादित भूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से साफ इंकार कर दिया है. इससे रामभक्त व बीजेपी समर्थकों को निराशा हाथ लगी है तो वहीं मुस्लिम समुदाय के लिए खुशी की बात कही जा रही है. मुस्लिम समुदाय ने कोर्ट के निर्देश का स्वागत किया है.
स्वामी ने अयोध्या की विवादित जमीन पर पूजा करने के आदेश जारी करने के लिए याचिका दायर की थी. इससे पहले भी मई में स्वामी पूजा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं. उस समय कोर्ट ने उन्हें जुलाई को इस मामले को कोर्ट के सामने लाने के लिए कहा था. जुलाई में आदेश देने से साफ मना कर दिया है.
बता दें कि इससे पहले अयोध्या विवाद मामले को संविधान पीठ को भेजने संबंधी मांग पर हिंदू और मुस्लिम पक्षकार आमने-सामने आ गए थे. मुस्लिम पक्षकार मामले को संविधान पीठ को सौंपे जाने के पक्ष में थे, जबकि हिंदू पक्षकारों का कहना था कि यह विशुद्ध रूप से भूमि विवाद का मामला है, ऐसे में इसे बड़ी पीठ के पास भेजने का कोई औचित्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ के समक्ष हिंदू पक्षकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि मामले की सुनवाई तीन सदस्यीय पीठ कर रही है, इसलिए उसे ही सुनना चाहिए.
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