गुड़गांव में बुद्ध विहार गिराना चाहता है सरपंच

गुड़गांव। गुड़गांव से सटा एक गांव है धनकोट. बौद्ध धम्म के जानकार बताते हैं कि कालांतर में तथागत बुद्ध यहां आ चुके हैं. इसी धनकोट में एक सामलात जमीन है. खाली पड़ी इस जमीन पर तत्कालीन सरपंच के कहने पर और सहमति लेकर गांव के लोगों ने एक बुद्धिस्ट सोसाइटी बनाई और इस जमीन पर एक बुद्ध विहार बना दिया. लेकिन वर्तमान सरपंच को यह बुद्ध विहार पसंद नहीं है. वह इसे तोड़ना चाहता है. जिसके लिए उसने पंचायती राज एक्ट, सेक्शन 24 के तहत बुद्धिस्ट सोसायटी को एक नोटिस दे दिया है. इसके बाद सोसाइटी के लोग और तथागत एवं धम्म को मानने वाले लोगों में रोष है.

स्थानीय निवासी एवं डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सभा के पूर्व अध्यक्ष जितेन्दर कुमार का कहना है कि यह जमीन वर्षों से हमारी है. इस जमीन का बहुत पहले से दलित समाज के हमारे लोग इस्तेमाल करते रहे हैं. यहां तक की तहसीलदार के पास जो रेवेन्यू रिकार्ड होता है, उसमें भी साफ-साफ इस जमीन की मिल्कियत सामलात भूमि हरिजन (रिकार्ड में यही शब्द है) के पास है. सालों से यह जमीन खाली और बेकार पड़ी थी. 2013 में तात्कालीन सरपंच की सहमति से हमने इस जमीन के गड्ढे को भरा और यहां बौद्ध विहार बनाकर भगवान बुद्ध की मूर्ति लगा दी. बाकी की जमीन में पेड़-पौधे लगाकर इसको सुंदर बनाया.

यह सबके लिए खुला है लेकिन वर्तमान सरपंच को यह अच्छा नहीं लगता. वह बुद्ध की प्रतिमा को हटाना चाहता है. उसने नोटिस दिया है इसे खाली कर दिया जाए लेकिन यह जमीन पंचायती राज में है ही नहीं इसलिए वह इस पर कोई नोटिस नहीं दे सकता है. हमने जवाब दे दिया है लेकिन वह उस पर संतुष्ट नहीं है. ग्राम पंचायत की कार्यकारीणी उसके साथ हैं. उसकी मेज्योरिटी है. वह अपने हिसाब से काम करवाता है.

गांव के सरपंच दिनेश सहरावत का कहना है कि यह जमीन पंचायत की है. उन्होंने कहा कि हमारे पास जमीन से जुड़े दस्तावेज भी है. दलित दस्तक ने जब उनसे दस्तावेज मांगें तो वो आनाकानी करने लगे.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.