नई दिल्ली: महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम की स्थापना के 100 साल पूरे होने का मौका था. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी शताब्दी समारोह में कह रहे थे कि गौरक्षा के नाम पर किसी इंसान को मारना गौसेवा नहीं है. हिंसा से आज तक कभी किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ और ना ही आगे होगा. गाय सेवा के नाम पर इंसानो की हत्या निंदनीय है. इस बयान के आने के बाद पीएम मोदी विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं.
ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहदुल मुसलमीन (AIMIM) पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए पीएम के बयान को केवल जुबानी कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ बातें करना जानते हैं. इससे पहले भी पीएम मोदी गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर बयान दे चुके हैं लेकिन हालात वैसे ही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन लोगों को बीजेपी, आरएसएस की तरफ से लगातार समर्थन मिलता रहा है.
ओवैसी ने आगे ट्वीट करते हुए लिखा कि बस बातें करने से कुछ नहीं होगा. गौरक्षा स्वीकार नहीं है तो पहलू खान के 3 हत्यारों को हिरासत में क्यों नहीं लिया गया है? जबकि राजस्थान में बीजेपी की सरकार है.
पीएम मोदी के इस भाषण को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. किसी ने कहा है कि पीएम मोदी ने ये बयान देने में काफी देर कर दी है. जब उन्हें लग रहा है कि जनता में गौरक्षा के हिंसात्मक रवैया की वजह से आक्रोश बढ़ रहा है और वो सड़कों पर उतर रहे हैं, तब उन्हें इसकी याद आई है.
गौरतलब है की देश भर में गौ-रक्षा के नाम पर लगातार हत्याऐँ हो रही हैं जिसकी खबरें आये दिन लोगों में डर पैदा कर रही है.

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