झाड़ू लगानेवाली मां की सेवानिवृत्ति पर पहुंचे आईएएस, डॉक्टर और इंजीनियर पुत्र

रामगढ़। झारखंड के रामगढ़ में पानी टंकी परिसर में झाडू लगाने का काम करनेवाली चतुर्थ वर्गीय कर्मी सुमित्रा देवी की सेवानिवृत्ति कई मायनों में सबसे अलग रही. सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) रजरप्पा स्थित टाउनशिप में बीते सोमवार शाम सुमित्रा देवी के विदाई समारोह में उनके तीनों पुत्र शामिल हुए. सबसे बड़े पुत्र विरेंद्र कुमार रेलवे में इंजीनियर है, उनसे छोटे धीरेंद्र कुमार डॉक्टर और सबसे छोटे महेंद्र कुमार आईएएस और बिहार के सिवान में जिलाधिकारी है.

विदाई समारोह में अपने तीनों अफसर बेटों को अपने पास देख सुमित्रा देवी जहां भावुक हो गई, वहीं सहकर्मी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे. तीनों बेटों के लिए भी यह भावुक पल था. कारण जिस परिश्रम की बदौलत उनकी मां ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया, उनकी सेवानिवृत्ति के मौके पर सभी साथ-साथ थे. सीसीएल कर्मी सुमित्रा देवी लंबी सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुई. विदाई समारोह में मुख्य अतिथि स्टाफ ऑफिसर ईएंडएम धीरेंद्र बिहारी ने गुलदस्ता देकर और शॉल भेंट कर उन्हें भावभीनी विदाई दी. साथ ही कार्यकाल में सुमित्रा देवी द्वारा किए गए बेहतर कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति जीवन का अहम हिस्सा है, यह पल सभी के जीवनकाल में एक बार आता है. विदाई के पल भावुक होते हैं. लेकिन सुमित्रा देवी ने जिस ईमानदारीपूर्वक काम किया वह कंपनी एवं समाज के लिए प्रेरणा है. मौके पर तीनों पुत्रों ने भी बारी-बारी से अपनी कामयाबी की बातें टाउनशिप के कर्मियों के समक्ष रखी.

उन्होंने बताया कि कैसे उनकी मां ने कठिन परिश्रम कर उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया. उनके मुताबिक मां ने काफी संघर्ष कर सभी बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाई. उनका संघर्ष देख हमलोगों ने भी कुछ करने और कुछ बनकर दिखाने का ठान ली. उन्हीं की बदौलत आज हम तीनों अपनी-अपनी जगह पर खड़ें है. सिवान के डीएम महेंद्र कुमार ने कहा कि कोई काम जीवन में कठिन नहीं होता है. मेहनत करने से हर कार्य संभव हो जाता है. बस, काम ईमानदारी से करना चाहिए.

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