झालवाड़। भारत के कई हिस्सों में तथागत बुद्ध के अवशेष दबे हुए हैं. देश में ऐसे कई स्थान हैं जहां बौद्ध धम्म का काफी प्रभाव रहा है, लेकिन कालांतर में वह लुप्त होते गए या फिर लोगों की नजरों से दूर ही रहे. समय-समय पर ऐसे स्थलों की बात सामने आती रहती है. राजस्थान के झालावाड़ के पास ऐसा ही एक छुपा हुआ बौद्ध स्थल सामने आया है.
ये वह इलाका है, जहां आस-पास के इलाके में बौद्ध सभ्यता भी फलती-फूलती थी. ये गुफाएं करीब 2000 साल पुरानी हैं. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित तो हैं, मगर दुनिया ही नहीं, राजस्थान के लोगों की नजरों से भी दूर हैं. कभी यहां ऐसी 50 गुफाएं थीं. समय के साथ अब मुश्किल से कुछ ही बची हैं. 50 गुफाओं में केवल एक चैत्यकक्ष है जिसके अंदर ध्यानमग्न बुद्ध की प्रतिमा स्थित है. इन गुफाओं के अलावा कोल्वी गांव से 5 किमी दूर बिनायगा में करीब 20 और इसके पास ही चिरायका में करीब 15 ऐसी गुफाएं हैं. यह स्थल झालावाड़ से 96 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान मध्य प्रदेश की सीमा पर है.

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