नई दिल्ली। अब अगर बचे हुए पुराने माल पर जीएसटी लागू होने के बाद नए न्यूनतम समर्थन मूल्य का स्टिकर नहीं लगाया, तो जेल की सजा समेत 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. 7 जुलाई को उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने उत्पादकों को यह चेतावनी दी. पुराने स्टॉक पर संशोधित एमआरपी लिखने के संबंध में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नए नियम जारी किए हैं.
मंत्रालय ने कहा कि 1 जुलाई से पहले तैयार किए गए माल पर संशोधित एमआरपी लिखनी अनिवार्य होगी. सरकार ने पुराने स्टॉक को निकालने के लिए कंपनियों को 30 सितंबर तक का वक्त दिया है. कंपनियों से कहा गया है कि वे बचे हुए माल पर पुरानी कीमत के बराबर में ही संशोधित एमआरपी के स्टिकर लगाएं. इससे ग्राहक जीएसटी के बाद कीमतों में आए बदलावों को जान सकेंगे. पासवान ने कहा कि यदि कोई इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उस पर पहली बार 25,000 रुपये, दूसरी बार 50,000 रुपये और तीसरी बार एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा एक साल तक जेल भी हो सकती है.
मंत्रालय ने उपभोक्ताओं की शिकायतों को हल करने के लिए एक समिति बनाई है. साथ ही हेल्पलाइन की संख्या को 14 से बढ़ाकर 60 कर दिया गया है. पासवान ने कहा कि जीएसटी लागू करने को लेकर शुरुआती अड़चनें आ रही हैं. जल्द ही उनका समाधान हो जाएगा. उपभोक्ता हेल्पलाइन के जरिए 700 से अधिक सवाल प्राप्त हुए हैं और मंत्रालय ने वित्त विभाग से इसके समाधान के लिए विशेषज्ञों की मदद मांगी है.
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