सीबीएसई ने NEET में सवर्णों को दिया 50.5 प्रतिशत आरक्षण

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ना। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के आरक्षण नियमों में इस साल से बड़ा बदलाव किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बने नये नियम के अनुसार ऑल इंडिया कोटे में सामान्य वर्ग के लिए नई अनारक्षित वर्ग बनायी गई है. इस श्रेणी में सामान्य वर्ग के साथ ओबीसी, क्रीमीलेयर वाले अभ्यार्थी शामिल नहीं होंगे.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) नीट इंफॉर्मेशन बुलेटिन में काउंसेलिंग के दौरान ऐसे अभ्यार्थियों को अपनी श्रेणी यूआर दर्शाने के निर्देश दिये हैं. इसके अनुसार अच्छे अंक पाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थी सामान्य मेरिट में जगह नहीं बना पायेंगे. इससे कम अंक वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा. इस बार इसी आधार पर आरक्षित वर्ग व अनारक्षित वर्ग की अलग-अलग काउंसलिंग होगी.

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद सीबीएसई ने देशभर में इसे लागू कर दिया है. इसके बाद से एक व्यापक बहस शुरू हो चुकी है. इसके अनुसार आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार चाहे सबसे ज्यादा नंबर ले आए लेकिन वह सिर्फ आरक्षित वर्ग ही नौकरी पाएगा. यानि अनारक्षित वर्ग के लिए 50.5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था कर दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने अलग करने का दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2017 में एक अहम फैसले में कहा था कि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को आरक्षित वर्ग में ही नौकरी मिलेगी. चाहे उसने सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों से ज्यादा अंक क्यों न हासिल किये हों. नई व्यवस्था के तहत आरक्षित श्रेणी को अलग रखा गया है. अगर अभ्यार्थी को मेरिट सूची में ज्यादा अंक आते भी हैं तो उन्हें अपने श्रेणी में ही उसका फायदा होगा. 2016 तक ओबीसी उम्मीदवार का अंक सामान्य वाले के बराबर होने पर उसे ओबीसी कोटे की जगह सामान्य केटेगरी में दाखिला ले लेता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

बेहतर रैंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थी सामान्य मेरिट में जगह नहीं बना पाएंगे. उन्हें उनकी कैटेगरी के अनुसार तैयार अलग मेरिट में ही जगह मिलेगी. इससे सामान्य जाति के ऐसे अभ्यर्थी जो अच्छा प्रदर्शन न करने के कारण कुल मेरिट में काफी पीछे हो जाते हैं, उन्हें नई अनारक्षित वर्ग में ही जगह मिलने के कारण ठीक वैसा ही लाभ मिलेगा, जैसा पहले आरक्षित श्रेणियों को मिलता था.

2016 तक सामान्य या ओबीसी उम्मीदवारों के स्कोर कार्ड पर सिर्फ ऑल इंडिया रैंक के बारे में जानकारी होती थी, लेकिन इस साल से ओबीसी उम्मीदवारों के स्कोर कार्ड पर भी रैंक के साथ उनके अनारक्षित या आरक्षित कोटे की भी जानकारी होगी. इस नियम के लागू होने के बाद नीट के ओएसडी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे लागू किया गया है. इस बार मेरिट लिस्ट से आरक्षित और अनारक्षित केटेगरी को अलग-अलग रखा जायेगा. इससे सीटें खाली नहीं रहेगी.

इस खबर का संपादन नागमणि कुमार शर्मा ने किया है.

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