गिरफ्तार बुद्धिजीवियों के समर्थन में आईं मायावती

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नईे दिल्ली।  कोरेगांव से जुड़े मामले में बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी के खिलाफ बसपा प्रमुख सुश्री मायावती ने मोर्चा खोल दिया है. नक्सल समर्थकों के नाम पर देश के कई राज्यों में पुणे पुलिस द्वारा की गई छापेमारी और फिर उस क्रम में कवि, महिला वकील, प्रोफेसर आदि बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी पर बसपा अध्यक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इस कार्रवाई को भाजपा द्वारा भय फैलाने और सत्ता का दुरुपयोग ठहराते हुए बसपा प्रमुख ने कहा है कि-

दलितों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से जुड़े भीमा-कोरेगाँव के 200 वर्ष पूरे होने के मौके पर दलितों की ज़बर्दस्त एकजुटता भाजपा को रास नहीं आई. कोरेगांव हिंसा की आड़ में देश में दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों पर हो रहे शोषण और अत्याचार के खिलाफ लगातार संघर्ष करने वाले बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकत्ताओं को परेशान किया जा रहा है. जिस प्रकार एन.जी.ओ. चलाने वालों पर सरकारी आतंक व भय फैलाने के लिये देश भर में जो गिरफ्तारयाँ की गई हैं वे बीजेपी सरकार की निरंकुशता व सत्ता के दुरूपयोग की प्रकाष्ठा है, जिसकी जितनी भी निन्दा की जाये वह कम है.

भाजपा को कठघरे में खड़ा करते हुए यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि वास्तव में इस प्रकार की सरकारी आतंक की घटनाओं के माध्यम से बीजेपी की सरकारें अपनी घोर विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बांटना चाहती है. लेकिन गिरफ्तारी से लोगों का रोष बढ़ा ही है.

बसपा प्रमुख ने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि भीमा-कोरेगाँव में हिंसा के सम्बन्ध में जिन लोगों के खिलाफ पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज है, उन्हें गिरफ्तार करके न्याय की व्यवस्था को बहाल करने के बजाय इसकी आड़ में उन विख्यात लोगों को टारगेट किया जा रहा है जो दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों आदि के हित के लिये हर प्रकार का संघर्ष करते रहे हैं और जिनका सार्वजनिक जीवन वास्तव में एक खुली किताब की तरह से लोगों के सामने है.

सुश्री मायावती ने महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं व अन्य बुद्धिजीवियों पर भाजपा सरकार द्वारा ’नफरत फैलाने’ के आरोप को भी बेतुका कहा और सरकार के उस तर्क पर भी सवाल खड़े किए जिसमें ’’पी.एम. मोदी की हत्या की साज़िश रचने के आरोप में गिरफ्तारी की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारियां गुजरात में बीजेपी सरकार के उस दौर की याद दिलाता है जब मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश को विफल करने की आड़ में लगातार फर्जी पुलिस इंकाउण्टर हुआ करते थे.

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