BPO में बढ़ी हिन्दी और अन्य भाषा वालों की पूछ

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नई दिल्ली। बीपीओ यानी बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिग उद्योग में अभी तक अंग्रेजी भाषी युवाओं की पूछ रही है, लेकिन जल्दी ही यह स्थित बदलने वाली है. इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम के तहत देश के 61 शहरों में खुले बीपीओ ने हिन्दी के साथ-साथ तेरह भारतीय भाषाओं में भी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं. हिन्दी के अलावा जिन अन्य भाषाओं में रोजगार मिलने लगा है, उनमें उड़िया, तमिल, गुजराती, मराठी, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली, मलयालम, कश्मीरी, उर्दू, राजस्थानी व पंजाबी शामिल है.

इस स्कीम के तहत पहले चार दौर की निविदा प्रक्रिया में 21 राज्यों के 61 शहरों में 18160 सीटों का आवंटन किया गया है. इनमें से 13,780 सीटों वाले बीपीओ शुरू भी हो गये हैं. इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम का सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि इसकी वजह से घरेलू बीपीओ उद्योग में अंग्रेजी और अन्य विदेशी भाषाओं के अतिरिक्त भारतीय भाषाओं में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. आज की तारीख में इन सभी बीपीओ में अंग्रेजी, स्पेनिश और अरबी के अतिरिक्त हिंदी, उड़िया, तमिल, गुजराती, मराठी, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली, मलयालम, कश्मीरी, उर्दू, राजस्थानी और पंजाबी भाषा जानने वाले युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध हो रहा हैं. इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम का मकसद देश के छोटे और मझोले शहरों तक बीपीओ उद्योग को लेकर जाना है.

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