गुजरात। दलित युवक के घोड़ी चढ़ने पर और नया विवाद सामने आया है. गांधीनगर में सवर्णों द्वारा दलित दुल्हे की बारात निकलने से रोक दी गई. सवर्णों ने आपत्ति जताई कि दलित दुल्हा कैसे घोड़ी पर चढकर बारात निकालेगा. इस बात को लेकर शादी के जश्न के माहोल पर बवाल मचा.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक घटना 17 जून को सामने आई. खबरों के अनुसार पारसा गांव में क्षत्रिय समुदाय के लोगों ने रविवार को प्रशांत सोलंकी नामक दूल्हेय को घोड़ी पर चढ़ने से रोक दिया. इसके बाद फौरन पुलिस को इसकी जानकारी दी गई तब जाकर दलित दूल्हे की बारात निकली. इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ एट्रोसिटी, धमकी, मारपीट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है.
यह जान लें कि इस तरह का पहला मामला नहीं है. गुजरात में दलित अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसको रोकने में पुलिस प्रशासन विफल दिख रही है. दो दिन पहले ही गुजरात में फैंसी कपड़े व मोजड़ी (जूती) पहने पर राजपूत युवाओं ने जमकर पिटा और उससे माफी मंगवाई. इससे पहले भी दलित युवक के घोड़ी चढने, मूंछ रखने, कपड़े पहनने, कुएं में नहाने को लेकर विवाद हो चुका है.
इसे भी पढ़ें-बाबासाहेब के नाम में ‘महाराज’ जोड़ने पर रजिस्ट्रार पर कार्रवाई
![](https://www.dalitdastak.com/wp-content/uploads/2020/12/DD-logo.jpg)
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
![](https://www.dalitdastak.com/wp-content/uploads/2020/12/PLATE.jpg)