पुजारी बनने के ऑफर को दलित युवाओं ने ठुकराया!

shudra not allow in templeबंगलुरू। केरल के बाद अब पड़ोसी बंगलुरू ने दलित समाज के युवाओं को पुजारी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. राज्य सरकार ने देवस्थानम विभाग के मंदिरों में यह प्रक्रिया शुरू की है. नियम के मुताबिक पुजारी नियुक्त होने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को पहले आगम शाला में पढ़ाई पूरी करनी होती है. इसके बाद ही उन्हें इस सेवा के लिए अभिप्रमाणित किया जाता है.

हालांकि इससे पहले जब विभाग ने दलित वर्ग के पुजारियों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी तो दलित वर्ग से किसी ने भी आगम शास्त्रों की शिक्षा ग्रहण करने की इच्छा नहीं जताई थी. इस बार भी दलितों में इसको लेकर कोई खास रुचि नहीं है. देवास्थानम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि अब लगभग सभी नामांकनकर्ता ब्राह्मण वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. गौरतलब है कि देवस्थानम विभाग 34 हजार से अधिक मंदिरों का प्रबंधन करता है, जिनमें करीब 1.2 लाख पुजारी कार्यरत है.

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