नई दिल्ली। कोलकाता हाईकोर्ट के दलित समाज के जस्टिस सी.एस कर्णन और सुप्रीम कोर्ट के बीच शह-मात का खेल जारी है. एक बार फिर से दोनों आमने-सामने हैं. इस मामले में जस्टिस कर्णन और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बारी-बारी से एक-दूसरे के खिलाफ आदेश दे रहे हैं, जिससे मामला और पेंचीदा हो गया है. ताजा घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की संविधान पीठ ने जस्टिस कर्णन की मेडिकल जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के गठन के आदेश दिए हैं.
कोलकाता के सरकारी अस्पताल का मेडिकल बोर्ड 4 मई को जस्टिस कर्णन की जांच करेगा. कर्णन इंकार नहीं कर सकें इसको लेकर भी पूरा बंदोबस्त किया गया है. शीर्ष कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को मेडिकल बोर्ड की मदद के लिए पुलिस टीम बनाने के निर्देश दिए. मेडिकल बोर्ड 8 मई तक रिपोर्ट कोर्ट में सौंपेगा. 18 मई को इस मामले में सुनवाई होगी. 18 मई तक जस्टिस कर्णन जवाब नहीं देते तो माना जाएगा कि वह कुछ नहीं कहना चाहते. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि देश की कोई भी कोर्ट या ट्रिब्यूनल 8 फरवरी के बाद जारी किए गए जस्टिस कर्णन के आदेश पर संज्ञान न ले.
सुनवाई के दौरान AG मुकुल रोहतगी ने कहा कि जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के सात जजों के खिलाफ ही आदेश जारी कर दिए हैं. वह मानसिक रूप से ठीक हैं. वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. कोर्ट में सात जजों की संविधान पीठ ने कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्नण के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले की सुनवाई की.
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