कभी-कभी एक तस्वीर, सौ भाषणों से ज्यादा कह जाती है। आंध्र प्रदेश की श्री वेंकटेश्वर वेटरनरी यूनिवर्सिटी में जमीन पर बैठे डॉ. रवि वर्मा की तस्वीर ऐसी ही है, जिसने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में जातिवाद की कलई एक बार फिर खोल दी है। ज़मीन...
भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में जातिगत भेदभाव का एक और शर्मनाक मामला सामने आया है। आंध्र प्रदेश की श्री वेंकटेश्वर वेटरनरी यूनिवर्सिटी (SVVU) के एक दलित असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रवि वर्मा से विश्वविद्यालय ने न केवल न्याय करने में कोताही बरती, बल्कि उन्हें...
"एक वैज्ञानिक... जिसने दुनिया की सबसे बड़ी फिजिक्स लैब में अपनी प्रतिभा और अपने देश का परचम लहराया... अपनी ही यूनिवर्सिटी ने उसे 'योग्य' नहीं माना है। दिल्ली विश्वविद्यालय में फिजिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार का मामला आपको झकझोर कर रख...
झारखंड में शिक्षा को मजबूती देने और आदिवासी बच्चों के लिए उच्च स्तरीय आवासीय सुविधाएं सुनिश्चित करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में राजधानी रांची के करमटोली स्थित ट्राइबल हॉस्टल परिसर...
जाति के नाम पर इंसान को जानवर से भी बदतर हालत में धकेल देना, यही है सनातनी हिन्दू धर्म की वह असली जड़, जिसे आप चाहे कितना भी चंदन से रगड़ लें, यह सड़ांध फैलाती रहेगी। इटावा के नागला नंदी गांव में जो हुआ,...
आज भी डॉक्टर बनना, देश के तमाम परिवारों के बच्चों का सपना होता है। हाल ही में जब इसके लिए होने वाली नीट की परीक्षा के नतीजे आए तो झारखंड से चौंकाने वाली खबर आई। झारखंड के एक सरकारी स्कूल से वंचित समाज की...
(प्रदीप सुरीन) क्या आप जानते हैं कि एविएशन कवर करने वाले ज़्यादातर पत्रकार एयर इंडिया से यात्रा करने को सबसे लास्ट ऑप्शन रखते हैं। पिछले पंद्रह सालों में (जब से मैंने एविएशन कवर करना शुरु किया) मेरी भी सबसे लास्ट चॉइस एयर इंडिया ही...
महानायक बिरसा का जन्म छोटानागपुर के उलीहातु या चालकाद के बंबा गांव में 15 नवम्बर 1875 ई को हुआ था। 12 वर्ष की उम्र में सिंहभूम के चाईबासा के लूथरन मिशन चर्च में 1886ई में ईसाई धर्म में उन्हें दीक्षा दी गई थी। उनके...
लंदन/नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई ने हाल ही में लंदन के ग्रेज़ इन में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर को ऐतिहासिक श्रद्धांजलि अर्पित की। यही वह प्रतिष्ठित संस्थान है जहां डॉ. आंबेडकर ने 1920 के दशक में अपनी वकालत की...
टोरंटो, 27 मई 2025। जातीय भेदभाव और वंश आधारित अत्याचार के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एक बड़ी पहल करते हुए "ग्लोबल कॉन्फ्रेंस फॉर अ कास्ट-फ्री वर्ल्ड 2025" का आयोजन कनाडा के टोरंटो शहर में 25 से 27 मई तक हुआ। सम्मेलन का समापन एक ऐतिहासिक...
(तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा)
मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में बलात्कार के बाद गरीब दलित परिवार की 9 वर्षीय बच्ची की अस्पताल में बेड न मिलने से मौत होने के बाद आज बलात्कार पीड़िता के घर पहुंच पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनके दुःख-दर्द...
(- सुशांत नेगी)
बिहार बदहाल है। पिछले कई महीनों से बिहार से जिस तरह अपराध, हत्याएं, गुंडागर्दी और प्रशासनिक बदइंतजामी की खबरें आ रही है, उसने बीते सालों में बिहार की बदली हुई छवि को फिर से शर्मसार करना शुरू कर दिया है। बिहार के...
The Ambedkar Association of North America (AANA) proudly announced the recipients of the 2025 AANA Awards during its Annual Retreat held from May 23–26, 2025, at Laurelville Retreat Center in Mt. Pleasant, Pennsylvania.
AANA Annual Retreat brought together over 200 participants from North America and...
- निशांंत गौतम
भारतीय समाज के भीतर जाति की संचरना इस कदर बुनी गई है कि सफल और संपन्न दलित हर किसी की आंखों में चुभता है। मध्य प्रदेश के दतिया से ऐसी ही एक घटना सामने आई है।
घटना के मुताबिक, बीते कल 27 मई...
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के ग्वालियर खंडपीठ में बाबासाहेब की प्रतिमा लगाने के मुद्दे पर बहनजी सामने आई हैं। इस मुद्दे को उठाते हुए बसपा सुप्रीमों और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल, माननीय उच्च न्यायालय तथा मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर...
बोधगया महाविहार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने बोधगया मंदिर अधिनियम, 1949 को रद्द करने से संबंधित याचिका की अंतिम सुनवाई 29 जुलाई 2025 को निर्धारित कर दी है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले...
18 साल पहले 14 जनवरी 2007 की तारीख भारतीय इतिहास में दर्ज हो गई थी, जब जस्टिस के.जी. बालकृष्णन ने भारत के 37वें मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली। जस्टिस के. जी. बालकृष्णन की यह नियुक्ति भारतीय न्यायपालिका में एक ऐतिहासिक क्षण था,...
डॉ. बी.आर. अंबेडकर के मार्गदर्शन में दलितों का बौद्ध धर्म में धर्मांतरण, जिसकी परिणति 14 अक्टूबर, 1956 को नागपुर में सामूहिक धर्मांतरण कार्यक्रम में हुई, उनकी मुक्ति में एक महत्वपूर्ण क्षण था। इस आंदोलन को अक्सर अंबेडकरवादी या नव-बौद्ध आंदोलन कहा जाता है, जिसने दलितों को हिंदू धर्म में व्याप्त...