Thursday, September 4, 2025

ओपीनियन

बहुजन छात्र- युवाओं पर पुलिस दमन के निहितार्थ

बिहार की राजधानी पटना में 3 अगस्त, 2016 को अपने हक-हकूक के लिए सड़क पर आवाज बुलंद करने उतरे दलित छात्रों पर पुलिसिया दमन की बर्बर कार्रवाई दुखद है क्योंकि दलितों का वोट सभी लेना चाहते हैं लेकिन उनको बराबरी का हक कोई भी...

गुजरात में दलित प्रतिरोध और दलित राजनीति की नयी दिशा

पिछले दिनों गुजरात के ऊना में मरी गाय का चमड़ा उतारने पर गाय को मारने के आरोप में गोरक्षा समिति के गुंडों द्वारा चार दलितों की बुरी तरह से पिटाई की गयी थी जिस पर दलितों ने विरोध स्वरूप मरी गाय को उठाने का...

भाजपा के दलित प्रेम की कसौटी पर यूपी विधान सभा चुनाव

ये बात सही है कि भारत में दलित चेतना का संचार देश के दक्षिण-पश्चिमी तट से शुरू हुआ. पर आज देश में बहुजन आन्दोलन या दलित अस्मिता की बात होती है तो लखनऊ के अंबेडकर पार्क और नोएडा के दलित चेतना केंद्र के बिना...

आखिर दलितों के घर क्यों जाते हैं सवर्ण नेता

हमारा देश जाति प्रधान देश है. देश में 4 वर्ण हैं, जो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र में बंटा हुआ है. ब्राह्मण और क्षत्रिय सवर्ण यानी उच्च जाति के खुद को मानते हैं, जबकि शुद्र मतलब अनुसूचित जाति जनजाति यानी दलित समाज को ब्राह्मण...

मायावती का चरित्रहनन और राजनीतिक पतन का मर्सिया

भारत के 20 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले सूबे उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती को भारतीय जनता पार्टी का एक वरिष्ठ नेता सार्वजनिक तौर पर जिस घिनौनी भाषा का इस्तेमाल करता है. आखिर इस बयान की जद में क्या...

चमड़ी उतारना छोड़े दलित

डॉक्टर अम्बेडकर कहते थे यदि कोई काम आपको अछूत बनाता है तो उस काम को तुरन्त छोड़ दीजिये. साफ़ सुथरे रहिये और गंदगी वाला काम मत कीजिये. मैं समझता हूँ जिस तरह दलितों ने गुजरात में मरी हुई गाय को फेंककर विरोध किया है,...

गुजरात के दलितों का अकेलापन और समाज की चुप्पी भरी शांति !!

गुजरात के उना शहर में चार दलित युवकों को अर्धनग्न कर जिस स्पोट्स यूटिलिटि व्हीकल से बाँधा गया है वह हमारी अर्थव्यवस्था की रफ़्तार का प्रतीक है. महिंद्रा के ज़ाइलो की कीमत साढ़े आठ लाख से साढ़े दस लाख के बीच है. इसी ज़ाइलो...

अमेरिका में नस्लीय हमले और भारतीय मीडिया

अमेरिका एक बार फिर नस्लीय हमलों से दहल उठा है. नए सिरे से इसकी शुरुआत जुलाई के पहले सप्ताह के शेष में पुलिस की गोली से दो दिन में दो अश्वेतों की मौत से हुई है. पहली घटना पांच जुलाई की है. उस दिन...

अपनी जाति से कुछ व्यक्तिगत सवाल

मैं दलित नहीं हूं, लेकिन मैं एक ‘बेहतरीन जाति’ की भी नहीं हूं इसका एहसास मुझे बचपन से ही था. मेरा बचपन (नब्बे का दशक) एक कोलियरी-टाउन सिंगरौली की चीप हाउसिंग कॉलोनी में बीता जहां मेरे पिता सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी करते थे. बैरक-नुमा...

ट्विटर के भद्रलोक को अनुप्रिया पटेल रास न आयी

अनुप्रिया जिस दिन एनडीए सरकार में मंत्री बनी, उसी दिन से (पहले कभी नहीं) उनके विवादित ट्वीट वायरल हो गये. और देखते-देखते वे  दंगाई हो गयी. उनके ट्वीट देश के जाने-माने पुरोधा लोगों ने रिट्वीट किया. अनुप्रिया उच्च वर्ग की ठसक और टेक्नीकल दिव्यांगता...

एक नये ढसाल की जरुरत

आज ‘दलित पैंथर’ का स्थापना दिवस है. आज से प्रायः साढ़े चार दशक पूर्व,1972 में 9 जुलाई को नामदेव लक्ष्मण ढसाल और उनके लेखक साथियों ने मिलकर इसकी स्थापना की थी. इस संगठन ने डॉ.आंबेडकर के बाद मान अपमान से बोधशून्य आकांक्षाहीन दलित समुदाय को...

अन्नदाता की मेहनत से कौन मालामाल

अर्थशास्त्र में मांग और पूर्ति की एक समान्य सी बात बताई जाती है. यदि मांग ज्यादा है तो कीमत भी ज्यादा होगी. यदि कीमत सस्ती होगी, तो आपूर्ति भी काम होगी. अर्थशास्त्र के इस नियम में भले ही बहुसंख्य धंधे फीट बैठते हों, लेकिन...

दलित भी खत्म करें अपनी जाति प्रथा

आदमी कम शिक्षित हो या ज्यादा शिक्षित, गरीब हो या अमीर, उसे लगता है कि जाति से बाहर निकला, तो आफत आ जाएगी. व्यवहार में, जाति तोड़ने का एक ही मौका आता है  विवाह का. शायद इसीलिए डॉ. अंबेडकर को अंतर-जातीय विवाहों से बहुत...

धार्मिक ग्रंथों में स्त्री अंर्तविरोध

स्त्री जो एक जननी है, मगर ये अतिश्योक्ति ही है कि इसके जन्म पर अमूमन खुशियां नहीं मनाई जाती. हम कहते तो हैं कि बेटे बेटियां एक समान हैं, मगर फिर भी ज्यादातर घरों में उनके जन्म पर भेदभाव होता है. एक बेटी को...

बहुजन केंद्र और सर्वजन परिधी

पिछले दिनों अखबारों और सवर्ण मीडिया में बहुजन समाज पार्टी को लेकर एक बार फिर गलतफहमी का प्रचार किया जा रहा है. ये बताने की कोशिश की जा रही है कि बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में होने वाले 2017 के विधानसभा चुनाव में...

मीडिया में सहारनपुर कहां है?

सहारनपुर से लौटे एक युवा रिपोर्टर ने यह कहकर मुझे चौंका दिया कि जिन दिनों वहां पुलिस मौजूदगी में सवर्ण-दबंगों का तांडव चल रहा था, दिल्ली स्थित ज्यादातर राष्ट्रीय न्यूज चैनलों और अखबारों के संवाददाता या अंशकालिक संवाददाता अपने कैमरे के साथ शब्बीरपुर और...

स्वच्छता अभियान के बजाय शिक्षा पर जोर होना चाहिये

जब से केन्द्र में नई सरकार बनी है, चारों तरफ स्वच्छता की ही चर्चा है। यहाँ तक कि नये नोटों पर भी स्वच्छ भारत और एक कदम स्वच्छता की ओर लिखा हुआ मिल जायेगा। शहरों और गाँवों को भी स्वच्छता की रैंकिंग दी जा...
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ओपीनियन

प्राइवेट यूनिवर्सिटी में आरक्षण पर बड़ा खुलासा

क्या आपको पता है कि देश की प्राइवेट यूनिवर्सिटी में भी रिजर्वेशन मिलना चाहिए?? नहीं पता? हाल ही में दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में...

राजनीति

SC-ST को आर्थिक आधार पर मिले आरक्षण, जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार

नई दिल्ली। आरक्षण में वर्गीकरण के बाद अब एससी-एसटी को मिलने वाले आरक्षण को आय के आधार पर देने की मांग करने वाली एक...
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