अखिलेश सरकार के मंत्रियों पर लूटपाट का आरोप लगाकर अपने ही मुख्यमंत्री बेटे की कान खिंचाई करना मुलायम सिंह यादव की अब आदत बन गई है. मुलायम सिंह यादव ने अपने गांव में रहने वाले सवर्णों से यह सब सीखा है. दरअसल, सवर्ण अपने बच्चों को कभी यह नहीं सिखाते कि बाहर निकलो तो अपने से बड़ों की इज्जत करो. खासकर दलितों के साथ तो बिल्कुल भी नहीं. जब भी कोई बात हो तो उस पर हावी हो जाना. इतना हावी होना कि सामने वाला डर जाए. अगर मारपीट की नौबत आये तो सबसे पहले हाथ उठाना. सवर्ण अपने बच्चों से कहते हैं कि कभी किसी से मार खाकर मत आना. जब भी आना तो मार कर आना. मार खाकर आये तो उससे दुगुनी मार घर पर पड़ेगी.
आगे सवर्ण सिखाते हैं कि जब मारकर आओगे तो मार खाने वाला मेरे घर उलाहना (शिकायत) लेकर आएगा. मैं तुम्हे उसके सामने डाटूंगा और थप्पड़ भी मारूंगा. तुम चुप रहना और डांट और मेरी मार चुपचाप बर्दाश्त कर लेना. मार खाने वाले के परिजन मेरी डांट और मार देखकर सन्तुष्ट हो जायेंगे और समझेंगे कि मुझे तुम्हारे द्वारा उसकी पिटाई पर दुख और अफसोस है. मैं शर्मिंदा हूं. यह जानकर वह चला जायेगा और जिसकी तुमने पिटाई की है, वह तुमसे हमेशा डरता रहेगा. कभी तुमसे लड़ने की हिम्मत नही जुटा सकेगा. यह शिक्षा देते हुए सवर्ण अपने बच्चों को दूसरों को दबाकर रखने और हुकूमत करने का मंत्र बचपन में दे देता है. यही वजह होती है कि सवर्णों के बच्चों का हमेशा मनोबल ऊंचा रहता है और मां बाप से मिली खुली छूट की वजह से घर के बाहर कमजोर लोगों पर जुल्म ढाते हैं.
सपा मुखिया मुलायम सिंह ने भी बचपन में अपने पड़ोस के सर्वणों से यह शिक्षा उधार ली है. इसलिए वह बार बार अपने बेटे अखिलेश यादव की सरेआम खिंचाई करने से हिचकते नहीं हैं. जब से अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने हैं, तब से अब तक कई बार उनकी खिंचाई कर चुके हैं. मुलायम सिंह भी सवर्णों की तरह ही बेटे अखिलेश को भी यही शिक्षा देते हैं कि बाहर खुल कर खेलो और जब हालात खराब होंगें तो मैं तुम्हें सार्वजानिक मंच से डाटूंगा. तुम चुपचाप सुन लेना. यही वजह है कि जब भी अखिलेश सरकार किसी मुद्दे पर घिरती है तो मुलायम सिंह कान खिंचाई करके लोगों को दिखाने की कोशिश करते हैं कि उन्हें बहुत अफसोस हो रहा है. बहुत दुख है. फिर कहते हैं कि यह सब अखिलेश सरकार के कुछ मंत्रियों की वजह से हो रहा है. सरकार को यही सब बदनाम कर रहे हैं. आगे कहते हैं कि सुधर जाओ, जनता सब देख रही है. ऐसे ही रहा तो फिर सरकार नहीं बनेगी.
आगे पुचकारते हुए कहते हैं कि अखिलेश अच्छा काम कर रहा है, लेकिन कुछ स्वार्थी लोग सपा का नाम लेकर गुंडई कर रहे हैं. इनपर लगाम कसनी पड़ेगी और फिर चुप हो जाते हैं. कई महीने तक राज भवन में लेट कर आराम फरमाते हैं और जैसे ही अखिलेश सरकार कटघरे में आती है, फिर कान खिंचाई करते हैं. मुलायम सिंह की यह नई रणनीति हैं वोटरों को लुभाने और पार्टी से बांध कर रखने की. यह राजनीति है और इसमें सत्ता पाने के लिये ये नेता इसी तरह की ओछी हरकतें करते रहते हैं. इनसे बचकर रहने में ही भलाई है. पूरब में एक कहावत है कि ””””अहीर मितैया तब करें, जब सारे मीत मर जाएं.””””
लेखक पत्रकार है. संपर्क-9953746549
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