23 मई को कर्णाटक के नए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं की भीड़ देखकर भाजपा के कुशासन से त्रस्त जिन लोगों ने भारी राहत की सांस लिया था, वे निश्चय ही 31 मई को आये चार लोकसभा और दस विधानसभा...
केंद्र में मोदी सरकार के चार साल पूरे हो गये हैं. वर्ष 2014 में जब इस सरकार ने सत्ता संभाली थी, तब जनता की उम्मीदें यूं ही आसमान पर नहीं थीं, बल्कि मोदी जी ने जनता को दिन में ऐसे तारे दिखाए थे, जिन्हें...
समकालीन वास्तविकता में जीन कुछ गिने चुने विचारक एवं चिंतको का नाम जागतिक परिपेक्ष में आदरसे लिया जाता है, उनमे से एक नाम ‘नॅन्सी फ्रेजर’ जी का है. सामजिक सुधार के क्षेत्र में 'चिकत्सक सिद्धांतवादी' नॅन्सी अपने आप को 'फ्रॅंकफुर्ट स्कूल' से संबधित मानती...
“Not all, those who soar against the tide are the ones left standing in the end after all. Some perish in making a way for the others to lead, some disappear, some propel the discourse with their knowledge, light, life and struggles, some hijack...
पाकिस्तानी पत्रकार हसन निसार बार बार एक शब्द दोहराते हैं "सॉफ्ट टेरोरिज्म". इस शब्द से उनका मतलब उन वहशियाना चालबाजियों से है जिनके जरिये किसी समाज या देश मे सत्ता और धर्म के ठेकेदार अपने ही गरीबों का खून चूसते हैं.
हसन निसार बताते हैं...
वर्ग बनाम वर्ण की चर्चा इससे पहले भी होती रही है. लेकिन जब हम कार्ल मार्क्स के बरअक्स इस चर्चा को आगे बढ़ाते हैं, तो यहां पर वर्ग के मायने कुछ अलग हो जाते हैं. भारत में वर्ग के मायने होते हैं अमीर वर्ग...
क्या आपको पशु पक्षियों या पेड़ पौधों में ऐसी प्रजातियों का पता है जो अपने ही बच्चों के लिए कब्र खोदती है? या अपने ही बच्चों का खून निकालकर अपने दुश्मनों को पिलाती है? मैंने तो आजतक ऐसा कोई जानवर या पक्षी या पेड़...
अच्छे दिन लाने और प्रत्येक के खाते में सौ दिन के अन्दर 15 लाख जमा कराने तथा हर साल युवाओं को दो करोड़ नौकरियां देने के वादे के साथ सत्ता में आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के चार वर्ष पूरे हो गए हैं....
कर्नाटक के हालिया चुनावी अभियान में भारतीय सेना का जिस प्रकार क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थों के लिए इस्तेमाल किया गया है और जिस प्रकार केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के शीर्षस्थ व्यक्ति द्वारा भारतीय सैन्य इतिहास के साथ तोड़-मरोड़ की गई है, वह एक लोकतांत्रिक राष्ट्र...
भारत में योग का शिक्षा,खेल-कूद, पर्यावरण की शिक्षा,कम्प्यूटर की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई या किया जा रहा है,ऐसे में में सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) अनिवार्य क्यूँ नहीं किया जा रहा है, यह समझ से परे हैं. इससे पहले यूपीए की सरकार में यौन...
While the fascist are trying their best to snatch every opportunity of dignified life - education, progress and research from scholars of marginalized background, a tenacious resolve is all it takes to assert identity, politics and representation in one go. Achievement has its way...
रिटेल सेक्टर की दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी वालमार्ट द्वारा ई-कॉमर्स बाजार की सबसे बड़ी भारतीय कम्पनी फ्लिपकार्ट की 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा भारतीय आर्थिक जगत में चर्चा का एक बड़ा विषय बना हुआ है. फ्लिपकार्ट के जरिये भारतीय ई-कॉमर्स में प्रवेश...
वर्ल्ड हैपिनेस रिपोर्ट -2018 में भारत की करुणतर स्थिति
सबका साथ-सबका विकास का ढोल पीटने वाली मोदी सरकार की नीतियों के चलते खुशियों के मामले में बहुसंख्य लोगों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, यह बात वर्ल्ड हैपिनेस की ताज़ी रिपोर्ट...
दलितों के अधिकारों की लड़ाई सिर्फ भारत में ही नहीं चल रही है, सात समुंदर पार ब्रिटेन में रह रहे दलित भी वहां फैले छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. दरअसल ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई मूल के करीब 30...
आदरणीय मोहन भागवत जी,
आजकल आपके राजनीतिक संगठन भाजपा के नेताओं में भारी तामझाम के साथ दलितों के घर भोजन करने की होड़ लगी है और उनका यह काम काफी सुर्खियाँ बटोर रहा है. ऐसा होने का प्रधान कारण यह है कि आपके लोग दलितों...
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज के बाद अब एएमयू हिंदुत्व समूहों के निशाने पर है, जहां उनका दावा है कि कैंपस में ‘देश-विरोधी’ गतिविधियां हो रही हैं. एएमयू स्टूडेंट यूनियन के हॉल में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की एक...
In the light of the peaceful protest and demonstrations against the Supreme Court’s decision to dilute certain key provisions to the Scheduled Castes and Scheduled Tribes (Prevention of Atrocities) Act 1989, on 1st May, International Labour Day, held at the Jantar Mantar, New Delhi...
अगर चुनावी जीत में प्रधानमंत्री के झूठ का इतना बड़ा रोल है तो हर झूठ को हीरा घोषित कर देना चाहिए.इस हीरे का एक कंगन बना लेना चाहिए.फिर उस कंगन को राष्ट्रीय स्मृति चिह्न घोषित कर देना चाहिए.
तथ्यों को कैसे तोड़ा मरोड़ा जाता है,...
सियासी गलियारों में बड़े ज़ोरशोर से आवाज उठ रही है कि दलित आदिवासी आंदोलन के लिए जिम्मेदार कौन है? और इस प्रकार दलितों आदिवासीयों के स्वयं प्रेरित शोषण के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन की आड़ में राजनीतिक पार्टियाँ अपने-अपने ढंग से रोटियाँ सेकने में लगी...
कहने को हमारे संविधान में सबको बराबरी का दर्जा हासिल है, लेकिन ऐसी घटनाएं रोज होती हैं जो बताती हैं कि संवैधानिक प्रावधानों और कड़वे सामाजिक यथार्थ के बीच कितना लंबा फासला है. उदाहरण के लिए दो ताजा खबरों को लें. एक खबर उत्तर...