​​मोदी जी ने आरक्षण खत्म कर दिया, आपको पता भी नहीं चला

सदियों से सोये हुए लोगों, अपने दिमाग पर थोड़ा प्रेशर डालिये और बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी का एक बयान याद किजिए जो उन्होंने जयपुर में दिया था. उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार आरक्षण को ऐसी स्थिति में पहुंचा देगी जहां इसके होने या ना होना बराबर होगा. आपको शायद यह जानकारी न हो लेकिन मोदी जी ने स्वामी जी के इस बयान को साकार कर दिया है. आज आरक्षण के नाम पर आपको गालियों तो मिल रही है लेकिन आरक्षण आज लगभग खत्म हो चुका है.

जयपुर में ही दिए गए एक और बयान को याद किजिए, आरएसएस के मनमोहन वैद्य ने कहा था कि आरक्षण सदियों से लोगों के बीच अलगाव बढ़ा रहा है. इन बयानों को आपने शायद हल्के में लिया और सोते रहे लेकिन बीजेपी धीरे-धीरे आरक्षण को खत्म करने का प्लान बनाती रही और वो बयान भी उसी प्लान का हिस्सा थे. भाजपा की एक दलित सासंद ने मोदी पर आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाया है.

आपके सामने विस्तार से तीन उदाहरण रखूंगा जिससे यह साफ हो जाएगा कि बीजेपी ने आरक्षण को खत्म कर दिया है.

हाल ही के दिनों में यह देखने को मिल रहा है कि जिन विश्वविद्यालयों में फैकल्टी के पद वर्षों से रिक्त पड़े थे वहां अचानक से नोटिफिकेशन जारी करके उन पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है. लेकिन जैसे ही नोटिफिकेशन में पदों की संख्या पर नजर जाती है तो आरक्षित श्रेणी वाले कॉलम में जीरो लिखा मिलेगा. 80 प्रोफेसरों की भर्ती में एक भी पद एससी/एसटी को नहीं फिर आरक्षण कैसा?

दरअसल ये हुआ ऐसे कि इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए यूजीसी ने एक आदेश जारी किया कि अब भर्तियों में विश्वविद्यालय को ईकाई न मानते हुए विभाग को ईकाई माना गया. आसान भाषा में समझिए कि पहले पूरे विश्वविद्यालय में खाली पदों की संख्या पर आरक्षण लागू होता था लेकिन अब ऐसा न होकर के एक विभाग में खाली पदों की संख्या पर आरक्षण लागू होगा. इससे हुआ ये कि आरक्षित वर्ग के हिस्से में एक भी सीट नहीं आती और आराम से अपने लोगों सेट किया जा रहा है. उदाहरण से समझिए कि मान लिजिए पहले अगर विश्वविद्याल में सौ पदो पर भर्ती निकलती तो आरक्षण की अलग-अलग श्रेणियों के प्रतिशत के हिसाब से बंटवारा होता था क्योंकि विश्वविद्यालय को ईकाई माना जाता था लेकिन अब नए फैसले के बाद विभाग को ईकाई माना जाता है जैसे कि मान लो किसी विभाग में एक ही पद खाली है तो जनरल कोटे से भरा जाएगा क्योंकि आरक्षण विभाग पर ही लगना है.

ये बात तो अब जग जाहिर है कि मोदी सरकार ने उच्च शिक्षा का कबाड़ा कर दिया है. किसी ने किसी बहाने से विश्वविद्यालयों पर हमला किया गया. राजस्थान में ही वसुंधरा सरकार ने दो विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया जिसमें से एक तो अंबेडकर के नाम पर ही था और दूसरा पत्रकारिता का था.

एससी और एसटी के छात्र-छात्राओं को पीएचडी और एमफिल करने के लिए कांग्रेस सरकार ने एक स्कीम चालू कि थी जिसके तहत इन वर्गों के विद्यार्थियों को फैलोशिप दी जाती थी. राजीव गांधी नेशनल फैलोशिप नाम की यह स्कीम मोदी सरकार आने के बाद इतिहास बन चुकी है. मोदी के शपथ ग्रहण के बाद से ही इस स्कीम को ग्रहण लग गया. इस स्कीम के लिए हर साल फॉर्म भरवाये जाते थे लेकिन मोदी सरकार आने के बाद से एक बार भी राजीव गांधी फैलोशिप के लिए एक बार भी आवेदन नहीं मांगे गए हैं. लेकिन इसमें मजे की बात यह है कि  मोदी सरकार की ओर से न तो इस स्कीम को बंद करने का कोई आदेश जारी किया और न हीं यूजीसी ने इसकी वेबसाइट पर जाते हैं तो चार साल एक ही बात दिखा रहा जल्द ही आवेदन मांगे जाएंगें.

पीएम मोदी ने एक बार अपने भाषण में कहा था कि इंटरव्यू से छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ होता है, आखिर मेरे समझ में यह नहीं आता कि लोगों के पास ऐसी कौनसी विधा जिससे पांच मिनट में व्यक्ति के ज्ञान की पहचान कर लेते हैं इसलिए बीजेपी सरकार सरकारी नौकरियों से इंटरव्यू को खत्म करने का काम करेगी. पीएम मोदी ने इंटरव्यू खत्म करने वाली बात का जिक्र स्वतंत्रता दिवस लाल किले से दिए अपने भाषण में भी किया था. लेकिन अब केंद्र सरकार के मौजूदा रवैये से ऐसा लग रहा कि अब आईएएस की परीक्षा खत्म कर दी जाएगी और उम्मीदवारों का चयन केवल इंटरव्यू के माध्यम से ही होगा.

केंद्र सरकार ने दस बड़े विभागों में जाइंट सेक्रेटरी के पद के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें केवल इंटरव्यू के माध्यम से ही उनका चयन होगा और खास बात यह कि इस चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार का आरक्षण लागू नहीं होगा.

बिहार चुनाव से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण को लेकर बयान दिया था हालांकि बाद में वे अपने बयान से मुकर गए थे लेकिन आरक्षण आरएसएस को हमेशा से ही चुभता रहा है. आरएसएस हिंदू राष्ट्र की बात करता है हिंदू यानी जाति व्यवस्था जिसमें एक वर्ग ऊंचा हो दूसरा नीचा. चूंकी बीजेपी भी संघ के विचारधारा का ही पालन करती है ऐसे में आरक्षण कहीं न कहीं बीजेपी को चुभता है और यही कारण है कि केंद्र की मोदी सरकार ने आरक्षण को समाप्त किए बिना ही खत्म कर दिया है.

सूरज कुमार बैरवा

सीतापुरा, जयपुर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.